Panna National Park : प्रकृति की गोद में बसा पन्ना
Panna : भारत की सबसे बड़ी दूसरी पुरानी पर्वत श्रृंखला, विंध्याचल पर्वत प्रकृति की गोद में बसा पन्ना अरावली पर्वतमाला से घिरा आदिवासी संस्कृति के रंग में रंगा, बुंदेलखंड के क्षेत्र में बसा है पन्ना, जो अपने वीर सपूतों की वीर गाथा से भरा पड़ा है। अद्वितीय दुर्लभ और सुंदर मंदिरों से भरा होने के साथ-साथ हीरो की खदानों से भरपूर पूरे विश्व में मशहूर है यह पन्ना। खुले वातावरण में बाघ, तेंदुए और हिरन सभी मौजूद हैं पन्ना नेशनल पार्क (Panna National Park) में जो हमारे अन्दर के सिहरन सी पैदा करती हैं, यही तो हैं पन्ना।
![Ken River Panna](https://aryango.com/wp-content/uploads/2022/07/Ken-River-Panna.jpg)
इन्हीं संबंधों की मिसाल प्रस्तुतकर्ता पन्ना अनेक प्रागैतिहासिक वृत्त चित्र वनों में कई स्थानों में देखने जा सकते हैं। इन्हीं कई चित्र तो 10000 साल से भी पुराने माने गए। चिन्ह कितने आश्चर्य की बात है ना कि मानव ने अपने विकास के दौरान जिन जगहों को रहने के लिए चुनाव किया उन जगहों में से पन्ना भी एक था।
पन्ना भले ही बियाबान जंगलों के बीच बसा है पर पन्ना की धरती इतनी समृद्ध है कि कब किस की किस्मत बदल दे कोई कह ही नहीं सकता पन्ना की मिट्टी में मौजूद कंकण में इतनी शक्ति है कि वह एक कंकड़ जिसे हम हीरा कहते हैं मानव के पूरे जीवन का आर्थिक विकास ही बदल देती है पन्ना जितना सुंदर प्राकृतिक रूप से है उतना ही पन्ने का में मौजूद हीरा विश्वविख्यात है।
![Navegaon National Park Maharashtra](https://aryango.com/wp-content/uploads/2022/12/Navegaon-National-Park-Maharashtra.webp)
पन्ना की संस्कृति जहां बुंदेलखंड गीत के बीच हंसते हुए लोगों के चेहरे और राही नृत्य के बीच उत्सव उसमें झूमता हुआ लोगों का झुंड एक अलग और अनोखी संस्कृति को बयां करते हैं। पन्ना में मानव सभ्यता और प्रकृति के बीच सामंजस आपको देखना मिलेगा और कहीं देखने को नहीं मिलेगा। पन्ना के लोग प्रकृतिक और जंगली जीवो को अपना जीवन का एक हिस्सा ही मानते हैं।
पन्ना का प्राकृतिक सुंदरता पचमढ़ी से कम नहीं है
पन्ना की प्राकृतिक सुंदरता पचमढ़ी से कम नहीं है। बुंदेलखंड के अंचल में पन्ना जिला का पठार का प्राकृतिक सौंदर्य जीव विविधिता से भरपूर यहां के जंगल बहुत ही विशाल क्षेत्र में फैले हुए हैं। पन्ना जंगलों की खूबसूरती अगर आपको देखना ही है तो आप एक बार पढ़ना जरूर आए थोड़ा समय निकालकर आए यहां रुके और पन्ना को जाने यह पन्ना आपको प्रकृति के बहुत करीब आपको हृदय से जोड़ देगा पन्ना की प्राकृतिक बाद में आप देखें जो आपके हृदय में प्रकृति के लिए अनुपम प्रेम से सरोवर कर देगा।
![adoba Andheri Tiger Reserve Maharashtra](https://aryango.com/wp-content/uploads/2022/12/adoba-Andheri-Tiger-Reserve-Maharashtra.jpg)
पन्ना के इन जंगलों को जो आदिवासी बहुल पिछड़े इलाकों की पहचान से जाने जाते हैं इनको आज भी पहचान नहीं मिल सकती आज भी इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए यहां पर जरूरी सुविधा है या नहीं हो सकी। बाघों के अलावा पन्ना के जंगल छह अलग-अलग प्रकार के विलुप्त परिजनों को घर भी है।
पन्ना में घूमने के लिए बेहतरीन पर्यटन स्थल
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान :
![Panna National Park Best Tiger Safari India](http://aryango.com/wp-content/uploads/2022/12/Panna-National-Park-Best-Tiger-Safari-India-1024x576.webp)
मध्य प्रदेश की विंध्य पहाड़ियों में स्थित, पन्ना राष्ट्रीय उद्यान राज्य के सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में से एक है। यह जानवरों और पक्षियों की कई प्रजातियों का घर है, जिनमें बाघ, तेंदुआ, सुस्त भालू और हिरण की विभिन्न प्रजातियां शामिल हैं। आगंतुक पार्क में लकड़बग्घे, सियार और जंगली सूअर भी देख सकते हैं। और पढ़ें…
रनेह जलप्रपात :
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के पास स्थित, रनेह जलप्रपात एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है। यहां के झरने शानदार दृश्य पेश करते हैं और तस्वीरें लेने के लिए एक बेहतरीन जगह हैं। और पढ़ें …
पांडव गुफाएं :
![Pandava Caves Panna](http://aryango.com/wp-content/uploads/2023/01/Pandava-Caves-Panna-1024x576.jpg)
पन्ना से लगभग 25 किमी दूर स्थित, पांडव गुफाएं चट्टानों को काटकर बनाई गई प्राचीन गुफाएं हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि पांडवों ने अपने निर्वासन के दौरान इसका इस्तेमाल किया था। माना जाता है कि गुफाएँ 2,000 साल से अधिक पुरानी हैं और अन्वेषण करने के लिए एक शानदार जगह हैं। और पढ़ें …
खजुराहो मंदिर :
![Khajuraho Tourist Places](http://aryango.com/wp-content/uploads/2022/07/Khajuraho-Tourist-Places-1024x576.webp)
पन्ना से लगभग 30 किमी दूर स्थित, खजुराहो मंदिर 10वीं शताब्दी में निर्मित हिंदू और जैन मंदिरों का एक समूह है। मंदिर अपनी जटिल नक्काशी और हिंदू पौराणिक कथाओं के दृश्यों को दर्शाती मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध हैं। और पढ़ें …
केन घड़ियाल अभयारण्य :
![Ken Gharial Sanctuary Madhya Pradesh](http://aryango.com/wp-content/uploads/2023/04/Ken-Gharial-Sanctuary-Madhya-Pradesh-1024x576.jpg)
पन्ना से लगभग 50 किमी दूर स्थित, केन घड़ियाल अभयारण्य लुप्तप्राय घड़ियाल, मगरमच्छ की एक प्रजाति का घर है। पर्यटक यहां विभिन्न प्रकार के पक्षियों और अन्य वन्यजीवों को भी देख सकते हैं। और पढ़ें …
पन्ना झील :
![Bundela Baba Panna](http://aryango.com/wp-content/uploads/2022/07/Bundela-Baba-Panna.jpg)
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में स्थित पन्ना झील एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है। झील में विभिन्न प्रकार के जलीय पक्षी हैं और पक्षियों को देखने के लिए यह एक बेहतरीन जगह है। और पढ़ें …
पन्ना में मौजूद प्रसिद्ध स्थल (Best Tourist Places to Visit in Panna)
- पन्ना टाइगर रिजर्व
- पांडव जलप्रपात
- पांडव की गुफाओं
- बृहस्पति कुंड
- श्री पद्मावती देवी मंदिर पन्ना
- कालिंजर किला
- हीरे की खदान
- सूरजकुंड
- पार्वती कुंड
- सूखा कुंड
- रामकुंड
- पत्तालिया कुंड
- चौमुखनाथ मंदिर पन्ना
- सिद्धनाथ मंदिर पन्ना
- श्री राम जानकी मंदिर पन्ना
- जुगल किशोर जी का मंदिर पन्ना
- बलदेव जी का मंदिर पन्ना
- अजयगढ़ का किला पन्ना
- महामती प्राणनाथ जी का मंदिर पन्ना
पन्ना का इतिहासिक नाम “परना”
बन्ना का इतिहास जानने के लिए आपको जानना होगा महाराजा छत्रसाल को महाराजा छत्रसाल की नगरी पन्ना की स्थापना महाराजा छात्रसाल ने विक्रम संवत 1738 में पन्ना को अपनी राजधानी के रूप में बसाया और यहां पर एक किले का निर्माण भी कराया। पन्ना जिला का प्राचीन नाम “परना” है।
प्राचीन क्रांति में कहा जाता है कि पन्ना यह वही स्थान है जहां पर राजा दक्ष ने यज्ञ किया था यहीं पर चाहे बेदी बनी हुई थी जिसमें गिरकर माता सती ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। जो एक कुंड के रूप में परिवर्तित हो गया है और इसका पानी सदैव गर्म ही रहता है। इसी स्थल के पास मांडू कृषि की तपोभूमि भी है।
साथ ही पन्ना जिले के बारे में कहा जाता है कि गुरु प्राणनाथ प्रणामी धर्म का शुभारंभ इसी पन्ना की जमीन से किया था। पन्ना को ऐतिहासिक रूप से देखा जाए तो प्राचीन काल में पन्ना चेरी राज्य में सम्मिलित था इसके पश्चात चंदेल ओं के अधिकार में रहा सम्राट अकबर और जहांगीर के युग तक यह राजगढ़ राजाओं के अधिकार में रहा।
गोंड राजाओं के पतन के पश्चात पन्ना मुगल शासन के अधीन हो गया जिसे राजा छत्रसाल ने अपने पराक्रम से इस क्षेत्र की जीता किया और इसे अपने राज्य की राजधानी बनाया। महमूद गजनबी ने पन्ना के अनेक मंदिरों को नष्ट किया था उन मंदिरों का उद्धार छत्रसाल व अन्य बुंदेला शासकों ने ही कराया।
राजा छत्रसाल ने जिस पन्ना के सुवर्णदुर्ग का निर्माण कराया वह मिश्रित वास्तुशिल्प का एक उत्कृष्ट नायाब नमूना माना जाता है। पन्ना के इस नगर को प्राचीन में एक बेस्टी था और नगर में प्रवेश करने के लिए अनेक द्वार बने हुए थे। पन्ना में राजा छत्रसाल के दौर के अंदर आवासीय महल भी उपलब्ध हैं जिनमें छत्रसाल और उनके परिवार के लोग रहा करते थे।
राजा छत्रसाल ने इस पर्व को इतना सरल और मजबूत बनवाया था कि मुगलों को अपने राज्य से सुरक्षित रख सके। राजा छत्रसाल विकी राजा शिवाजी से बैठ 1687 में सतारा में हुई थी। राजा छत्रसाल की दतिया नरेश कुंभकरण से भैंस 1670 ईसवी मुगल सेनापति है देखा से युद्ध के समय हुआ।
राजा छत्रसाल 1728 की सुविधा युद्ध करते रहे उन्होंने अनेक युद्धों में मुगल सेनापतियों की छठी का दूध याद दिला दिया और हमेशा पराजित किया राजा छत्रसाल ने 63 युद्ध किए ।
पन्ना महाराज राजा छत्रसाल का वैभव
पन्ना ने राजा छत्रसाल का वैभव को भी देखा है। वह राजा जिससे आशीर्वाद था कि
“छत्ता तेरे राज में धक-धक धरती होए
जित-जित घोड़ा मुख करें तित-तित फतेह हुए”
मतलब राजा छत्रसाल का घोड़ा जिस-जिस ओर भी जाएगा उस ओर विजय ही मिलेगी । निशान दे यही नियम पन्ना के बाघ पर भी लागू होता है, पन्ना के बाघ जिस तरह पी जाते हैं उस तरफ उनका साम्राज्य स्थापित होता जाता है। पन्ना के बाघों ने तो टाइगर रिजर्व की सीमा तो कब की पर कर ली।
पन्ना का धार्मिक महत्त्व
पन्ना जहां हीरो की खदानों के लिए विख्यात है और साथ ही पन्ना टाइगर रिजर्व के लिए भी विख्यात है। लेकिन बहुत ही कम लोग जानते होंगे हिंदू धर्म के बहुत ही प्रसिद्ध तीर्थ स्थल भी पन्ना जिले में मौजूद है। हर वर्ष करोड़ों की संख्या में यहां हिंदू दर्शनार्थी दर्शन के लिए पन्ना आते हैं इसमें से प्रमुख मंदिरों में से है जुगल किशोर जी का मंदिर, पद्मावती माता का मंदिर, महामती प्राणनाथ जी का मंदिर पन्ना, बलदेव जी का मंदिर पन्ना, चौमुखनाथ मंदिर पन्ना, इत्यादि यहां मौजूद है।
पन्ना का आर्थिक महत्त्व
अगर आपको मालूम हो पढ़ना के निकट मजाक में से लेकर पहाड़ी खेड़ा खेड़ा तक हीरा की भारत पट्टी है जहां पर इंद्र लाइट की चट्टाने बहुत ज्यादा मात्रा में पाई जाती है जिनमें से हीरो का खनन किया जाता है।
कब आयें
पन्ना वैसे आप कभी भी आ सकते हैं। लेकिन गर्मियों के मौसम में यहां काफी सुष्मिता होती है और गर्म हवाओं में लुका तपन होता है। साथ ही यहां पानी की बड़ी किल्लत पाई जाती है और साथ ही जो यह पन्ना के जो प्राकृतिक बने वह पढ़ पाती बन्ना पूरा बस के जंगल बड़े बिहार से दिखते हैं। मतलब आप को जंगल में छोड़ भी नहीं मिल पाएगी ढंग से।
अगर हो सके तो आप मानसून के सीजन में आए क्योंकि पन्नों में सैकड़ों जलप्रपात की देखने को मिलेंगे जिसमें से दर्जनों जलप्रपात तो भारत में विख्यात है और विश्व में विख्यात है।
पन्ना घूमने के लिए आपको मानसून का सीजन बहुत बढ़िया होता है लेकिन आप मानसून के सीजन से लेकर आप जनवरी तक पढ़ना घूमने आ सकते हैं।
पहुँच मार्ग
दोस्तों पन्ना शहर पहुंचने के लिए सिर्फ और सिर्फ सड़क मार्ग ही आपको उपलब्ध है। क्योंकि पन्ना में ना तो रेलवे स्टेशन मौजूद है और ना ही कोई एयरपोर्ट मौजूद है इसलिए आपको पन्ना पहुंचने के लिए सड़क मार्ग का ही सहारा लेना पड़ेगा।
हां यह बात अलग है कि आप पन्ना शहर पहुंचने के आसपास के अन्य शहरों से रेल मार्ग या एयरपोर्ट का सहारा ले सकते हैं सबसे नजदीकी एयरपोर्ट खजुराहो हवाई अड्डा है। अगर आप की दूरी काफी दूर है और आप खजुराहो एयरपोर्ट नहीं आना चाहते तो आप जबलपुर एयरपोर्ट से सड़क मार्ग पन्ना आ सकते हैं।
अगर आप ट्रेन से पन्ना आना चाहते हैं तो पन्ना शहर से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन खजुराहो रेलवे स्टेशन है जो पन्ना शहर से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
अगर आप पन्ना शहर पर्सनल गाड़ी से आते हैं तो आप पन्ना कई शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है।
ठहरने और खाने की व्यवस्था
पन्ना में ठहरने और खाने की अच्छी व्यवस्था है आपको मिल जाएंगी। यहां पर प्राइवेट घुटनों के साथ-साथ मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग से भी होटल मौजूद हैं साथ ही यहां पर फॉरेस्ट विभाग के भी विश्रामगृह मौजूद है।
दिशा निर्देश एवं सावधानीयां
वैसे पन्ना शहर में ज्यादा सावधानियों की जरूरत तो नहीं पड़ेगी लेकिन अगर आप पन्ना से किसी जंगली चीता टाइगर रिजर्व या बफर जोन या कोई पहाड़ी क्षेत्र में घूमने के लिए जाते हैं। तो कृपया करके जंगली जानवरों से सावधान या जानवर बहुत हिंसक होते हैं और आपको काफी क्षति भी पहुंच सकते हैं इसलिए आप जहां भी जाएं ग्रुप में जाएं और सुबह 9:00 बजे के पहले और शाम 3:00 बजे के बाद कहीं जंगली क्षेत्र में घूमने ना जाए।
आस-पास के पर्यटन स्थल
मैहर की शारदा देवी, माँ नर्मदा उद्गम स्थल अमरकंटक यात्रा, महाकालेश्वर मंदिर, जबलपुर के पर्यटक स्थल, गौंड साम्राज्य वीरांगना रानी दुर्गावती मदन महल किला, धुंआधार जलप्रपात जबलपुर, मंडला में घूमने लायक जगह,
FAQ
पन्ना शहर क्यों प्रसिद्ध है?
पन्ना के राजा का क्या नाम था?
पन्ना का पुराना नाम क्या है?
पन्ना क्या है?
पन्ना जिला कब बना था?
पन्ना का गठन 1 नवंबर 1956 को मध्यप्रदेश में विलय कर दिया गया था जब इस क्षेत्र से भारतीय राज्य का हिस्सा था।
पन्ना जिले में कुल कितने ब्लॉक हैं?
Aother Openion
![](http://aryango.com/wp-content/uploads/2022/07/cropped-android-chrome-512x512-1.png)
पन्ना जिला घूमने में तीन बार आ चुका हूं फिर भी पन्ना में देखना बहुत कुछ बाकी है। पन्ना प्रकृति ने पन्ने को इतना कुछ दिया है उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती । प्रकृति के सबसे मूल्यवान खनिजों में से एक हीरे की खदान करने में तू ही है। पन्ना के बाघों की चाल देखकर राजा छत्रसाल के गौरव याद आ जाता है। आप पन्ना घूमने जरूर आएं आपको अच्छा लगेगा।
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