कटनी से दमोह रोड पर आपको छोटा सा एक कस्बा रैपुरा पन्ना पड़ेगा। 2 किलोमीटर आगे दमोह रोड पर सिद्ध क्षेत्र श्री राम दरबार बालाजी धाम रैपुरा पन्ना, इस आश्रम में पहुंचने पर आपको मन को शांति मिलेगी। आप अपने परिवार के साथ यहां जा सकते हैं श्री राम जी सीता जी के दर्शन करने या पिकनिक मनाने।

परिसर में मौजूद अन्य स्थल
वैसे तो परिसर में बहुत सारे छोटे छोटे मंदिर भी मौजूद हैं या विशाला भी है राम दरबार भी है श्री बालाजी सरकार भी हैं शंकर जी का मंदिर भी है और छोटे-छोटे आपको बहुत सारे स्थान भी देखने को मिल जाएंगे प्रमुखता यहां पर तीन विशेष मंदिर हैं।
श्री राम दरबार
आश्रम में श्री राम दरबार मंदिर ही मुख्य मंदिर है। यह आश्रम इसी रामदरबार नाम से जाना जाता है। आश्रम के मुख्य पहचान भी यही मंदिर है। यह मंदिर आश्रम का केंद्र बिंदु भी है। यह मंदिर आश्रम की भूमि पर सबसे केंद्र में बनाया गया है। यह मंदिर आश्रम के मुख्य दरवाजे से ही दिखता है, और बहुत भव्य दिखता है। जो आपको अपनी ओर आकर्षित भी करता है। इस राम दरबार मंदिर में भगवान श्री राम माता सीता और लक्ष्मण जी विराजमान है जिनकी प्रतिमा बहुत ही सुंदर हैं। बहुत ही आकर्षक हैं जो आपको मन को मोहित भी कर लेती।
श्री बालाजी
मंदिर में राम दरबार की नीचे श्री बालाजी सरकार की मूर्ति स्थापित है। बालाजी सरकार जो हनुमान जी का ही एक नाम है। यह मूर्ति लगभग 7 फुट से अधिक है ऊची और चमत्कारिक भी है।
डमरू वाला शिवलिंग
आश्रम में आपको भगवान शिव की एक विशाल शिवलिंग देखने को मिलेगा जो उनके डमरु के आकृति में है। यह देखने में बहुत सुंदर लगता है। इसे देखो तो ऐसा लगता है कि जैसे भगवान शिव डमरू के ऊपर विराजमान है। यह डमरु बहुत कलरफुल है साथ इस डमरू के अंदर पानी की टंकी भी मौजूद है।
खास स्थान जहाँ से हमने नजारा देखा
जब हम अपनी टीम के साथ कटनी से दमोह के लिए सफर कर रहे थे और कुम्हारी जलप्रपात देखने के लिए हमने इस मार्ग को चुना क्योंकि इस मार्ग में हमें कुम्हारी जलप्रपात देखने के साथ-साथ जागेश्वर धाम बांदकपुर दमोह और जैन तीर्थ स्थल कुण्डलपुर पटेरा भी देखने को मिलता।
जैसे ही रैपुरा गांव से आंगे चलने के बाद हमें जब यह आश्रम दिखा। जो हमने मार्ग से चलती हुई गाड़ी से इस आश्रम की सुंदरता देखी, तो हमने अपनी गाड़ी को पीछे बैक किया और इस आश्रम में करीब हम आधे घंटे के लिए रुके। आश्रम में देखने में बहुत अच्छा लगता हैं और यह बहुत शांत क्षेत्र है।
यहां शिवलिंग जो डमरू के ऊपर विराजमान है। बहुत सुंदर लगे और इसके बाद हमने श्री बालाजी सरकार के दर्शन किए।काफी देर रुकने के बाद मन को बहुत शांति मिली। यहां पर हमें एक बाबा जी भी मिले है। बाबाजी से मुलाकात की और इस आश्रम के बारे में हमने बहुत कुछ जानकारी एकत्रित की, साथ ही यहां पर एक यज्ञशाला भी यहां मौजूद है।
परिसर के पीछे भी वहुत बड़ा मैदान मौजूद है। अगर आप परिवार के साथ आते हैं तो, वहुत ही अच्छा लगेगा। इस मंदिर में श्री सीताराम जी और लक्ष्मण जी विराजमान और नीचे हनुमान महाराजजी भी विराजमान हैं। इन प्रतिमाओं को गौर से देखो तो बेहद ही सुंदर लगतीं हैं साथ ही मन को मोहने वाली ही भी है।
साथ ही मंदिर के पास एक महाराज जी की समाधि में बनी हुई है। इस मंदिर का बहुत सुंदर और शांत वातावरण है। आप जब कटनी से दमोह या दमोह से कटनी के लिए सफर करेंगे तो बीच में रुकने के लिए बहुत अच्छी जगह है, आप चाहो तो थोड़ी देर के लिए रुक सकते हैं। इसके बाद हम आंगे निकलते हैं तो आगे दमोह रोड पर कुम्हारी जलप्रपात नजर भी देखने को मिलता हैं ।
धार्मिक महत्त्व
इस मंदिर का आसपास के क्षेत्र में काफी धार्मिक महत्व है। हनुमान जयंती के समय यहां काफी लोग आते हैं। और मंगलवार शनिवार को भी हम बहुत दूर-दूर से लोग इस मंदिर में श्री बालाजी महाराज के दर्शन करने के लिए आते हैं। यह मंदिर रायपुरा की आन बान शान सा प्रतीत होता है। आप जब भी इस मंदिर को कल्पना करेंगे तो मन को शांति ही मिलेगी।
कब आयें
आप इस मंदिर में कभी भी आ सकते हैं यह मंदिर सुबह से लेकर शाम तक दर्शनार्थियों के लिए खुला मंदिर खुला रहता है।
वैसे मंगलवार और शनिवार के दिन यहां काफी भीड़भाड़ रहती है खासकर सुबह के वक्त और शाम के वक्त अगर आप भीड़भाड़ से बचना चाहते हैं तो आप मंगलवार शनिवार को छोड़कर किसी भी समय और किसी भी टाइम किसी भी दिन आ सकते हैं।
पहुँच मार्ग
इस मंदिर तक पहुंचने के लिए मुख्यतः तीन मार्ग है।
- पहला मार्ग दमोह से कुमारी मार्ग होते हुए आप आ सकते हैं।
- दूसरा मार्ग कटनी से रीठी होते रैपुरा आ सकते हैं।
- तीसरा मार्ग आप बहोरीबंद से बाकल और सलैया होते हुए रैपुरा होते हुए इस मार्ग आ सकते हैं।
वाहन पार्किंग
इस मंदिर के पास आपके सभी प्रकार के वाहन को पार करने के लिए पर्याप्त जगह है और पर्याप्त स्पेस है चुकी है मंदिर मुख्य रोड के बाजू से यह तो वाहन पार्किंग के यहां कोई दिक्कत नहीं है।
ठहरने और खाने की व्यवस्था
क्या मंदिर रायपुरा गांव से 2 किलोमीटर की दूरी पर आपको इस मंदिर के आसपास खाने पीने की कोई सामग्री नहीं मिली अगर आप इस मंदिर में ज्यादा समय के लिए रुकना चाहते तो आप अपने पास खाने-पीने की सामग्री की व्यवस्था करके स्वयं साथ लेकर आएं।
आस-पास के पर्यटन स्थल
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FAQ
क्या इस मंदिर में मंगलवार को जा सकते हैं?
क्या इस मंदिर को अपने परिवार को लेकर जा सकते हैं?
Aother Openion
नमस्ते! मैं अनीता ठाकुर हूँ – इस ब्लॉग लिखने का बिचार मुझे डिग्री पूरी करने के बाद, मेरा दिल मुझे अपने दुनिया देखने की चाहत के पास वापस ले आया, जहाँ मैं वर्तमान में पर्यटन का अध्ययन कर रही हूँ। मेरा सबसे बड़ा लक्ष्य आपको दुनिया भर में छिपे हुए स्थानों को खोजने में मदद करना और आपको उन जगहों पर जाने के लिए प्रेरित करना है जिनके बारे में आपने कभी नहीं सोचा था।