Vishnu Varah Mandir Majholi

भगवान विष्णु वराह की रहस्यमयी काली प्रतिमा में छिपे है और भी गहरे राज

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भारत की सांस्कृतिक धरोहरें न केवल हमारी आस्था से जुड़ी हैं बल्कि वे इतिहास, कला और स्थापत्य का भी अद्भुत संगम प्रस्तुत करती हैं। मध्य प्रदेश के जबलपुर ज़िले के मझौली कस्बे में स्थित विष्णु वराह मंदिर इसी गौरवशाली विरासत का प्रतीक है। यह मंदिर भगवान विष्णु के तीसरे अवतार “वराह” को समर्पित है और अपनी अद्वितीय मूर्ति, प्राचीन स्थापत्य तथा धार्मिक महत्व के कारण देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करता है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

Bhagwaan Vishnu Varah
Vishnu Varah Temple in Majhauli Jabalpur

विष्णु वराह मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में हुआ माना जाता है। इसे कलचुरी वंश के शासकों द्वारा बनवाया गया था। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता इसकी विशालकाय वराह प्रतिमा है, जिसे काले पत्थर से तराशा गया है। प्रतिमा लगभग 12 फीट लंबी और 8 फीट ऊँची है तथा इसके शरीर पर देवी-देवताओं और ऋषि-मुनियों की सूक्ष्म नक्काशी की गई है।

पौराणिक महत्व

Vishnu Varah Mandir

हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, जब धरती राक्षस हिरण्याक्ष के अत्याचारों से त्रस्त हो गई और उसने पृथ्वी को समुद्र की गहराई में डुबो दिया, तब भगवान विष्णु ने वराह (सूअर) का रूप धारण कर पृथ्वी को अपने दाँतों पर उठाकर पुनः आकाश मंडल में स्थापित किया।
यही कारण है कि वराह अवतार धर्म और न्याय की रक्षा का प्रतीक माना जाता है।

स्थापत्य और मूर्ति की विशेषताएँ

  • मंदिर में स्थित वराह प्रतिमा को विश्व की सबसे भव्य वराह मूर्तियों में गिना जाता है।
  • प्रतिमा के शरीर पर लगभग 674 लघु मूर्तियाँ उकेरी गई हैं, जिनमें देवता, गंधर्व, नाग, ऋषि-मुनि तथा अन्य पौराणिक चरित्र शामिल हैं।
  • मूर्ति को देखने पर ऐसा प्रतीत होता है मानो संपूर्ण ब्रह्मांड भगवान के वराह स्वरूप में समाहित हो गया हो।

धार्मिक महत्व

Ashta Bhuja Durga
Vishnu Varah Majholi Jabalpur

यह मंदिर स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है। यहाँ प्रतिवर्ष वराह जयंती और अन्य धार्मिक पर्वों पर विशेष अनुष्ठान और मेलों का आयोजन होता है।

पर्यटन दृष्टि से महत्व

मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग और पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) द्वारा इस मंदिर को एक महत्वपूर्ण संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है। यह स्थान इतिहासकारों, शोधकर्ताओं, पर्यटकों और धार्मिक यात्रियों के लिए समान रूप से आकर्षण का केंद्र है।

Majholi Jila Jabalpur Madhya Pradesh
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कैसे पहुँचे विष्णु वराह मंदिर?

  • निकटतम शहर: जबलपुर (लगभग 45 किमी दूरी)
  • रेलवे स्टेशन: जबलपुर रेलवे स्टेशन, जहाँ से टैक्सी या बस द्वारा मझौली पहुँचा जा सकता है।
  • एयरपोर्ट: डुमना एयरपोर्ट, जबलपुर (करीब 55 किमी दूरी)
  • सड़क मार्ग: राष्ट्रीय और राज्य मार्गों से मझौली आसानी से पहुँचा जा सकता है।
Vishnu Varah Mandir Majholi
Kirti Stambh Dashavtar

श्री पद्मावती देवी मंदिर पन्ना 52 शक्तिपीठ में से एक हैं

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Shankar Garh Talab Nareela Majholi Jabalpur
Shankar Garh Talab Nareela Majholi Jabalpur

निष्कर्ष

विष्णु वराह मंदिर, मझौली केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, कला और आस्था का अद्भुत संगम है। यहाँ की भव्य मूर्ति हमें न केवल भगवान विष्णु के वराह अवतार की कथा सुनाती है, बल्कि यह भी बताती है कि भारतीय शिल्पकारों की कल्पनाशक्ति कितनी गहरी और विस्तृत रही होगी।
अगर आप इतिहास, धर्म और पर्यटन में रुचि रखते हैं, तो यह स्थान आपकी यात्रा सूची में अवश्य होना चाहिए।

Vishnu Varah Mandir Majholi
Vishnu Varah Mandir Majholi

भगवान विष्णु की कथा और वराह अवतार

विष्णु वराह मंदिर मझौली आने के लिए मुख्य 5 मार्ग हैं

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FAQ

विष्णु वराह मंदिर कहां है?

भगवान विष्णु वराह मंदिर मझौली नगर जिला जबलपुर में स्थित है।



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