विष्णु वराह मंदिर मझौली आने के लिए मुख्य 5 मार्ग हैं :-
जबलपुर से विष्णु वराह मंदिर मझौली आने के लिए मार्ग :-
जबलपुर से इन्द्राना होते सुन्दर प्राकर्तिक वन का नजारा लेते हुए । मझौली जाने के लिए आप जबलपुर से लगभग 49 किलोमीटर है। रस्तें मैं इन्द्राना से होते सुन्दर प्राकर्तिक वन का नजारा, और प्राकर्तिक गुफा पहाड़ी की चोटी पर बसा शंकरगढ़ धाम इन्द्रना लेना चाहतें हैं तो आप यहाँ कुछ देर के लिए रूक सकतें हैं । इन्द्राना से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर मझौली जा सकते हैं।
कटनी से विष्णु वराह मंदिर मझौली आने के लिए मार्ग:-
कटनी से लगभग 70 किलोमीटर दूर है। जब आप जबलपुर के लिए निकलेगें तो आपको रस्ते में सिहोरा पड़ेगा और वहा से सिर्फ 70 किलोमीटर दूर है मझौली। आप वहां से Right Turn ले कर मझौली के लिए आ सकते है। अगर आप सिहोरा से आतें है तो आप नजदीक में स्थित लोढ़ा पहाड़ धाम जा सकतें हैं यह धाम में जाकर आप संत लोढ़ा पहाड़ वाले महाराज के दर्शन का लाभ ले सकतें हैं।
दमोह से विष्णु वराह मंदिर मझौली आने के लिए मार्ग:-
दमोह से लगभग 70 किलोमीटर दूर है। जब आप दमोह से जबलपुर के लिए निकलेगें तो आपको रस्ते में गुबरा गाँव पड़ेगा और वहा से सिर्फ 10 किलोमीटर दूर है मझौली। आप वहां से Left Turn ले कर मझौली के लिए आ सकते है। साथ ही आप यहाँ वहुत ही सुन्दर प्राक्रतिक जगह देखेंगे थोडा देर रुकें कटाव धाम घूमें और घुमने का मज़ा ले।
कटंगी से विष्णु वराह मंदिर मझौली आने के लिए मार्ग:-
कटंगी से लगभग 17 किलोमीटर दूर है। जब आप जबलपुर से दमोह के लिए निकलेगें तो आपको रस्ते में कटंगी पड़ेगा और वहा से सिर्फ 17 किलोमीटर दूर है मझौली। आप वहां से Right Turn ले कर मझौली के लिए आ सकते है।
बहोरिबंद या रूपनाथ धाम से विष्णु वराह मंदिर मझौली आने के लिए मार्ग:-
बहोरिबंद(रूपनाथ) से लगभग 28 किलोमीटर दूर है। जब आप बहोरिबंद से मझौली के लिए निकलेगें तो आपको रस्ते में रूपनाथ धाम से बचैया पड़ेगा और वहा से सिर्फ 17 किलोमीटर दूर है मझौली।
भगवान विष्णु वराह के संपूर्ण शरीर पर देवताओं, ऋषि-मुनि, साधु-सिद्धओं एवं यक्ष-गंधर्व अलंकृत हैं। यह प्रतिमा अत्यंत सुंदर, मोहक है। विष्णु वराह अवतार की अन्य तरह की प्रतिमा भारत के अन्य मंदिर समूहों में है पर उसका आकार इस प्रतिमा की तुलना में आकार कम होगा है।
विष्णु वराह मझौली में वाहन पार्किंग
यदि आप विष्णु वराह के दर्शन करने के लिए अपने निजी वाहन से यहाँ पहुँचते है तो मंदिर के सामने रंगमंच बना हुआ है उसके विल्कुल सामने आपको गाड़ी पार्क करने के लिए जगह मिल जायगी। यहाँ पर गाड़ी पार्किंग का कोई भी चार्ज नहीं लगता।
मझौली में ठहरने और खाने की व्यवस्था
मझौली में आपको खाने पीने के लिए हर प्रकार क व्यवस्था मिल जायगी। लेकिन मझौली में आपको रुकने की कोई होटल या रिसोर्ट उपलब्ध नहीं है। इसके लिए आपको सबसे नज़दीक जबलपुर में बहुत सारे रिसोर्ट और होटल मिल जायगे।
यदि आप विष्णु वराह मंदिर मझौली में दर्शन करके जबलपुर के लिए रवाना होते हैं तो इसके लिए आपको 3 रास्ते मिल जायगे। और इन रास्तों में आपको और भी अन्य पर्यटन स्थान देखने को मिल जायेंगे।
जैसे यदि आप इन्द्राना से होते हुए जबलपुर जाते है तो आपको इन्द्राना में शंकरगढ़, और यदि आप कटाव के रस्ते जाते हैं तो कटाव जोकि एक सिद्ध क्षेत्र है।
“धर्मेंद्र सिंह आर्यन गो में सीनियर डिजिटल कंटेंट राइटर कार्यरत है। उम्र 35 साल है, शैक्षिणिक योग्यता दर्शनशास्त्र में एम.फिल है, मुझे किताबें पढ़ने, लेखन और यात्रा करने का शौक है, मेरा आहार शुद्ध शाकाहारी भोजन है। मुझे भारत के छिपे हुए पर्यटक स्थलों की खोज करने और उन पर लेख लिखने का गहरा जुनून है।
पिछले 18 वर्षों से, मैंने एक ट्रैवल गाइड के रूप में अमूल्य अनुभव एकत्र किए हैं, जिन्हें मैं अब अपने ब्लॉग के माध्यम से गर्व से साझा करता हूं। मेरा लक्ष्य आपको भारत के सबसे आकर्षक यात्रा स्थलों के बारे में आकर्षक और व्यावहारिक जानकारी प्रदान करना है, साथ ही अन्य उपयोगी ज्ञान जो आपकी यात्रा को बेहतर बनाता है।
मैंने एक ब्लॉगर, YouTuber और डिजिटल मार्केटर के रूप में अपनी भूमिकाएँ निभाई हैं। मैं प्रकृति की गोद में बसे एक छोटे से गाँव में अपने शांतिपूर्ण जीवन से प्रेरणा लेता हूँ। मेरी यात्रा दृढ़ता और समर्पण की रही है, क्योंकि मैंने अपने सपनों को वास्तविकता में बदलने के लिए कड़ी मेहनत की है। अपने ब्लॉग के माध्यम से, मैं अपने द्वारा अर्जित ज्ञान को साझा करना चाहता हूँ और दूसरों को रोमांचकारी यात्रा करने के लिए प्रेरित करना चाहता हूँ।“