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Damoh Madhya Pradesh 2023 में आप घुमने जा सकतें हैं दमोह जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल

Damoh ke Pretak Sthal

Damoh Madhya Pradesh : दमोह भारत के मध्य प्रदेश राज्य के के उत्तरपूर्वी भाग में स्थित एक शहर है, जो भोपाल से लगभग 250 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में स्थित है। दमोह शहर मध्यप्रदेश के प्रमुख शहरों में से एक है। दमोह की एक समृद्ध ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है और माना जाता है कि इसकी स्थापना महाकाव्य महाभारत के राजा नल की पत्नी राजा दमयंती ने की थी। इस क्षेत्र ने कलचुरियों, चंदेलों और गोंड राजाओं सहित विभिन्न राजवंशों का शासन देखा है।

दमोह कई प्राचीन मंदिरों और ऐतिहासिक स्थलों के साथ अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। दमोह और उसके आसपास के कुछ उल्लेखनीय मंदिरों में निदान कुंड मंदिर, नोहलेश्वर मंदिर, सिंगोरगढ़ किला और जटाशंकर मंदिर शामिल हैं।दमोह से है सागर संभाग के अंतर्गत आता है मध्य प्रदेश का पांचवा सबसे बड़ा शहरी जिला है। राष्ट्रीय राजमार्ग 34 दमोह जिला से गुजरता है।

दमोह में घूमने वाली प्रमुख जगह

दमोह जैन धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल कुंडलपुर में बड़े बाबा का मंदिर है। दमोह में नोहलेश्वर शिव मंदिर, बांदकपुर धाम मंदिर, भैसाघाट जलप्रपात, सिंगौरगढ़ का किला आदि देखने को मिलेगा।

प्राचीन जटा शंकर मंदिर दमोह

यह दमोह जिले में घूमने के लिए सबसे अच्छा धार्मिक स्थलों में से एक है जो जटाशंकर दमोह नाम से बड़ा प्रसिद्ध है और धार्मिक मंदिर है। मंदिर में भगवान शिव शंकर जी विराजमान है और भगवान शिव को समर्पित है साथ ही इस मंदिर में अन्य देवी देवताओं की मूर्ति विराजमान स्थापित है । पहाड़ों से घिरा हुआ है।

रानी दमयंती संग्रहालय

दमोह जिला में शहर में स्थित एक मुख्य किला है इस किले की संस्थापक रानी दमयंती जी थी। संग्रहालय के बाहर बहुत बड़ा गार्डन भी बना हुआ है आप इस गार्डन में घूमने परिवार के साथ पिकनिक मनाने के लिए जा सकते हैं।

बड़ी देवी जी का मंदिर

बड़ी देवी जी का मंदिर लगभग 300 साल पुराना है। यह मंदिर दमोह से तो बहुत पुराना मंदिर है। इस मंदिर की मान्यता है कि लोगों की हर मुराद पूरी होती है और आप देखेंगे कि किस मन में बहुत सारे नारियल बंदे देखने को मिल जाते हैं।

जो लोग अपनी मन्नत मांगते हैं तो यहां पर एक नारियल बनते हैं। दमोह में बड़ी देवी जी का मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। यह मंदिर फुटेरा तालाब के पास स्थित है। आप यहां अपने परिवार के साथ घूमने आ सकते हैं और बहुत अच्छी जगह दमोह में घूमने के लिए।

राजनगर झील दमोह

यह बहुत खूबसूरत झील है दमोह को बहुत सुंदरता में चार चांद लगाती है। झील में आपको एक मंदिर देखने को मिलेगा जो मां दुर्गा को समर्पित है। राजनगर झील से ही सम्पूर्ण दमोह को पीने के पानी की सप्लाई की जाती है। अगर आप बरसात के समय में झील में अद्भुत द्रश्य देखने को मिलेगा।

बांदकपुर धाम दमोह

भगवान शिव शंकर की नगरी बांदकपुर (Bandakpur Damoh ) तीर्थ स्थलों में से एक रहस्यमयी शिव मंदिर है। इस मंदिर में सालभर श्रद्धालु आते रहते है। यह आसपास के जिलों के लोगो का आस्था और आकर्षण का केंद्र भी है। इस मंदिर में हर वर्ष महाशिवरात्रि के दिन बहुत ज्यादा लाखों की संख्या में लोग आते है। यह मंदिर देखने में बहुत ही सुंदर लगता है। यह मंदिर दमोह जिले के पास एक छोटे से गाँव बांदकपुर में स्थित है। इस मंदिर को श्री जागेश्वर धाम (Jageswar Dhaam) मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

कुम्हारी जलप्रपात

नोहलेश्वर शिव मंदिर नोहटा दमोह

यह मंदिर जवाब जबलपुर से दमोह के लिए जाते हैं तो या नोटा नामक गांव में मिलेगा। नोहलेश्वर शिव मंदिर नोहटा भगवान शिव शंकर जी को समर्पित है। इस मंदिर में आपको मंडप और गर्भगृह दोनों देखने को मिलेंगे। गर्भ ग्रह के अंदर भगवान शिव जी का एक विशेष पत्थर से निर्मित शिवलिंग विराजमान देखने को मिलेगा।

Shiv Mandir Nohta Abhana damoh
Nohleshwar Shiv Temple

नोहलेश्वर शिव मंदिर नोहटा दमोह जिले से लगभग 20 किलोमीटर दूर है। इस मंदिर की खूबसूरत नक्काशी देखने मैं बहुत ही प्रिय है और आप को अचरज में भी डालती है।

सिंगौरगढ़ का किला

सिंगौरगढ़ का किला राजा की संप्रभुता और वैभव साली समृद्धि का इतिहासिक प्रतीक है। यह किला सिग्रामपुर के पास चारों तरफ घने जंगलों के बीच रानी दुर्गावती अभ्यारण के अंदर स्थित है। यह किला आपको भी जंगल में बहुत खूबसूरत दृश्य के साथ देखने को मिलेगा।

Singour gadh Rani durga Wati Kila
Rani durga wati kila Singhour gadh

इस किले के बाजू से आपको बहुत ही सुंदर तालाब देखने को मिलेगा साथ ही एक विशालकाय बरगद का वृक्ष भी आपको इसके लिए के पास देखने मिले हो जो बहुत ही विशाल है।

अब यह किला बहुत ही खंडार अवस्था में है, क्योंकि लोगों में मान्यता थी कि रानी दुर्गावती के पास पारस पत्थर था और जिस पारस पत्थर से किसी भी लोहे की वस्तु को खिलाने से सोने की वस्तु में परिवर्तित हो जाता था। इसी सोने की पारस पत्थर इसी सोने की लालच के कारण बहुत से लोगों ने खुदाई की और खंडहर के रूप में परिवर्तित कर दिया है।

पुरातत्व विभाग के अधीन संरक्षित है। इस किले बारे में कहा जाता है कि रानी दुर्गावती विवाह के पश्चात निवास करती थी। और इस किले के पास स्थित तालाब में स्नान किया करती थी यहां इस तालाब के पास आपको बहुत सारी प्रीति प्रतिमा देखने को मिलेंगी।

गिरी दर्शन वॉच टावर

गिरी दर्शन पास टावर यह आपको पहाड़ों का जिनका और जंगल का दृश्य दिखाने के लिए काफी ऊंचाई पर बना मिलेगा। यह टावर रानी दुर्गावती आवरण के अंदर स्थित है आप यहां पर घूमने के लिए और पिकनिक मनाने के लिए आ सकते गिरी दर्शन पास टावर जबलपुर दमोह हाईवे रोड पर स्थित है। यहां आपको चारों तरफ बहुत हरियाली देखने को मिलेगी साथ ही है दमोह शहर का सबसे खूबसूरत स्थलों में से एक है।

रानी दुर्गावती वन्य जीव अभ्यारण

रानी दुर्गावती वन्य जीव अभ्यारण का नाम वीरांगना रानी वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम पर रखा गया है। वीरांगना रानी दुर्गावती आप दमोह जिले का एक मुख्य आकर्षण का केंद्र है। यह अभ्यारण 24 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।

Guindy National Park Tamil Nadu
वीरांगना रानी दुर्गावती वन्य जीव अभ्यारण दमोह

रानी दुर्गावती अपहरण की सैर करने के लिए दो प्रमुख रास्ते हैं जो कच्चे हैं। इन रास्तों का नाम है बड़ा चक्कर और छोटा चक्कर। यहां पर आपको देखने के लिए नदी पहाड़ जंगल जाने आदि सब देखने को मिलते हैं।

जोगन कुंड

जोगन कुंड झरने के पास एक प्राचीन मंदिर है। जोगन कुंड दमोह शहर का एक लोकप्रिय दर्शनीय स्थलों में से एक है। जोगन कुंड झड़ने को देखने के लिए आप बरसात के समय आते हैं तो आपको या झरना बहुत ही खूबसूरत दिखेगा। यह झरना जंगलों के बीच में स्थित है। जोगन कुंड दमोह जिला के जबेरा तहसील में स्थित है।

नजारा व्यू प्वाइंट

नजारा व्यूप्वाइंट रानी दुर्गावती वन्य जीव अभ्यारण का विशाल भू दृश्य वाला क्षेत्र है। यहां से आप दमोह जिले का बहुत ही खूबसूरत दूर तक का नजारा ले सकते हैं। खासकर शाम के वक्त। यहां से बहुत ही मनोरम सुंदर प्राकृतिक दृश्य देखने को मिलता है। यह रानी दुर्गावती अपहरण का प्रमुख पॉइंट है जो भैसाघाट से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

Najara View Point Veerangana Singorgarh Fort Rani Durgavati Wildlife Sanctuary Madhya Pradesh
नज़ारा व्यू पॉइंट सिंगौरगढ़ दमोह

कुंडलपुर दमोह

Kundalpur Damaoh
Kundalpur Damaoh

कुंडलपुर दमोह जैन धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। यह दमोह जिले से 35 किलोमीटर दूर स्थित है। ज्यादातर लोग इसे कुंडलपुर पटेरा के नाम से जानते हैं। कुंडलपुर में जैन धर्म के 65 मंदिरों का पूरा समूह है स्थित हैं। जो पहाड़ी पर बने हुए हैं। इन पहाड़ियों पर बने हुए मंदिरों में एक मंदिर बड़े बाबा का मंदिर है। यह मंदिर सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है, और बहुत ही प्राचीन है। जैन धर्म के लोग इसे परिक्रमा करने आतें हैं।

भैंसा घाट जलप्रपात

भैंसा घाट जलप्रपात यह सिंग्रामपुर जबेरा के पास रानी दुर्गावती वन्य जीव अभ्यारण के पास पड़ता है। यह पहाड़ी के वहुत ऊपर से गिरता हैं और यह लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट भी हैं।

Nidan Kund Water Fall Bhaisaghat Damoh Madhya Pradesh
निदान कुंड जलप्रपात भैसाघाट दमोह

FAQ

क्या दमोह जिला धार्मिक यात्रा के लिए उचित है?

हां दमोह जिले धार्मिक आस्था का केंद्र भी है यह सबसे पहले तो जनों का तीर्थ स्थल जो कुंडलपुर में मौजूद है दूसरा हिंदुओं का धार्मिक एवं तीर्थ स्थल बांदकपुर बहुत ही प्रसिद्ध है तीर्थ स्थलों में से एक है जो भगवान शिव को समर्पित है।

दमोह जिले में क्या है?

अगर आप घूमने फिरने के शौकीन है और आपको नई नई जगह जाना अच्छा लगता है। गुमने फिरने लिए दमोह जिला बहुत अच्छा है। अगर आप धर्म में आस्था रखते हैं और आप धार्मिक यात्रा में विश्वास रखते हैं। हिंदुओं और जैनों के लिए आस्था का केंद्र भी हैं।

Aother Openion

arynago
Aryan Singh

मध्यप्रदेश में दमोह जिला प्राकृतिक रूप से सुंदर और संपन्न है। अगर आपको प्रकृति से प्रेम है। प्रकृति के बहुत सुंदर नजारे हैं झरने हैं, इतिहासिक किला और धार्मिक आस्था के बहुत सारे यहां केंद्र भी मौजूद। मेरी दमोह यात्रा बेहद ही यादगार और सुखद रही।