Veerangana Durgavati Tiger Reserve: भारत में 57 टाइगर रिजर्व बनने के बाद अब मध्य प्रदेश के पास अब 9 टाइगर रिजर्व हो गए हैं। इस लिए मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट भी कहा जाता है। क्योंकि भारत में सबसे ज्यादा 9 टाइगर रिजर्व, 12 राष्ट्रीय उद्यान और 24 वन्यजीव अभयारण्य मध्य प्रदेश के पास ही हैं, और हो भी क्यों न सबसे ज्यादा वन भूमि भी तो मध्य प्रदेश के पास ही हैं।
नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य और रानी दुर्गावती वन्यजीव अभयारण्य को मिलकर वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व के रूप में आज पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। इस टाइगर रिजर्व को नौरादेही एवं रानी दुर्गावती वन्यजीव अभयारण्य के नाम से जाना जाता है। नौरादेही और रानी दुर्गावती वन्यजीव अभयारण्य, नरसिंहपुर, दमोह और सागर जिले को का भारत 55 वां टाइगर रिजर्व के रूप में प्राप्त हुआ हैं।
यह अभ्यारण सुन्दर मनमोहक द्रश्य के लिए भी जाना जाता हैं केन-बेतवा परियोजना से जुड़ा होने के कारण यह पन्ना टाइगर रिजर्व से 900 वर्ग किमी के क्षेत्र को संभावित जलमग्न होने के कारण इसे ध्यान में रखते हुए, नौरादेही मध्य प्रदेश राज्य में बाघों के लिए एक नया आवास प्रदान किया गया है।
भारत का 55 वां व मध्य प्रदेश का 7 वां टाइगर रिजर्व
नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य और रानी दुर्गावती वन्यजीव अभयारण्य टाइगर रिजर्व की स्थापना 19 जून वर्ष 2024 में संपन्न हुई जो दमोह जिले के सिंगौरगढ़ में इसकी लंबाई तकरीबन 1035 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है। इसके बाद पन्ना का केन अभयारण्य और निवाड़ी का ओरछा अभयारण्य 45-45 किमी के हैं। जबकि रानी दुर्गावती अभयारण्य सबसे छोटा होने के बाद भी खासियतों से भरा है। यह पहाड़ों पर बसा है और यहां सबसे अधिक वन्य जीव पाए जाते हैं।
वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व में पाये जाने वाले वन्यजीव
अभयारण्य में टाइगर, नीलगाय, सांभर, चीतल और कृष्णमृग के अलावा 200 से ज्यादा पक्षियों की प्रजातियां भी हैं। गणना में गिद्धों की संख्या 141 से ज्यादा मिली है। चारों और घाना जंगल होने के कारण यहाँ पर विभिन्न प्रकार के जीव-जन्तु दिखाई पड़ते हैं बीच जंगल में तालाब होने के कारण पशु-पक्षियों व जीव-जंतुओं ने इसे अपना आवास का स्थान बना लिया हैं। सुनने में यह भी आता हैं, कि तालाब विशाल होने के कारण 2 घडियाल भी मौजूद।
रानी दुर्गावती वन्यजीव अभयारण्य दमोह जिले की सगौनी क्षेत्र और सिंग्रामपुर क्षेत्र से होते हुए यह तेजगढ़ क्षेत्र तक पहुंचा था। आगे चलकर यह रेंजों को तेंदूखेड़ा क्षेत्र तक जोड़ दिया जाए तो पूरा अभयारण्य 205 किमी का हो जाता है। अभ्यारण में विभिन्न प्रकार के यहां के प्राचीन पेढों की प्रजतिन्याँ हैं।
टाइगर रिजर्व के साथ यह क्षेत्र भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं
रानी दुर्गावती वन्यजीव अभयारण्य सिंगौरगढ़ के इस क्षेत्र में भैंसाघाट, निदानकुंड, नजारा व्यू प्वाइंट सहित अनेक पर्यटक स्थल भी मौजूद हैं जो देशी-विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर तेजीसे आकर्षित करते हैं।
इन सभी का एक नया प्रमुख स्थल सिंगौरगढ़ अभयारण्य है यहाँ पर व्यू टावर लगा हुआ है जो समुद्र तल से एक हजार वर्ग मीटर की ऊंचाई पर विंध्यांचल पर्वत श्रंखला पर बना है। जिससे आप वहाँ का नजारा व्यू देख सकते हैं।
आस-पास घुमने लायक जगह
वीरांगना रानी दुर्गावती सिंगौरगढ़ किला
सिंगौरगढ़ दुर्ग गोंडवाना साम्राज्य के स्वर्णिम युग के गौरवान्वित किलों में से एक एतिहासिक किला हैं। यह रानी दुर्गावती के शौर्य और गौरव का प्रतीक है। यह किला भारतीय इतिहास के स्वर्णिम पन्नो में दर्ज है। सिंगौरगढ़ किला भारत के गौरवशाली इतिहास को समेटे हुए प्राकृतिक नजारों के बीच में अपने अतीत का विख्यान करते हुए आज एक खंडहर के रूप में खड़ा हुआ है। और पढ़ें …
वीरांगना रानी दुर्गावती वन्यजीव अभयारण्य दमोह
इस अभयारण्य में देखने लायक दर्जनों प्रसिद्ध और चिन्हित स्थान मौजूद हैं जो एक दिन में पर्यटकों को देख पाना मुश्किल हैं। और पढ़ें …
खुबसूरत वादियों भरा विशालकाय जलप्रपात भैसा घाट
भैसाघाट घाट निदान जलप्रपात दमोह, मध्य प्रदेश, भारत में स्थित एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह दमोह के घाट क्षेत्र में स्थित एक सुरम्य झरना है, घुमावदार भैसाघाट पहाड़ी की चड़ाई और अपनी प्राकृतिक सुंदरता के शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। झरना हरे-भरे जंगलों और पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जो इसे पिकनिक, लंबी पैदल यात्रा और अन्य बाहरी गतिविधियों के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है। और पढ़ें …
जबलपुर के दो खूबसूरत जलप्रपात
निदान जलप्रपात 120 फीट से भी अधिक की ऊंचाई से गिरने वाले जबलपुर के दो प्रसिद्ध वर्षति झरने हैं, जो जबलपुर जिले के कंटगी नगर में, हरी-भरी हरियाली और घने जंगलों के बीच स्थित हैं। निदान जलप्रपात जबलपुर से लगभग 40 से 45 किमी पर जबलपुर-दमोह हाईवे रोड से करीब 2 किलोमीटर हैं। और पढ़ें …
नोहलेश्वर शिव मंदिर नोहटा दमोह
नोहटा शिव मंदिर (नोहलेश्वर शिव मंदिर) बहुत खूबसूरत नक्काशियों से परिपूर्ण कल्चुरी काल में निर्मित एक बहुत ही आकर्षित मंदिर है। इसका निमार्ण 905 से 1000 ईस्वी के आस पास 10वी शताब्दी में हुआ है। यह कला का एक अनुपम व बेजोड़ नमूने की कृति है। और पढ़ें …
श्री जागेश्वर धाम बांदकपुर दमोह
बांदकपुर भारत के मध्य प्रदेश राज्य के छोटे से जिले दमोह से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक छोटा सा क़स्बा है, लेकिन भगवान शिव को समर्पित प्रसिद्ध मंदिर, जागेश्वर नाथ मंदिर के लिए जाना जाता है। भगवान शिव शंकर की नगरी बांदकपुर (Bandakpur Damoh ) तीर्थ स्थलों में से एक रहस्यमयी शिव मंदिर है। और पढ़ें …
बड़े बाबा का दिव्य धार्मिक स्थल कुण्डलपुर
कुण्डलपुर जैनों का एक सिद्ध क्षेत्र है जहाँ से श्रीधर केवली मोक्ष गये है जो दमोह से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एक प्रमुख तीर्थ जैन स्थल है। यहाँ तीर्थकर ऋषभदेव की एक विशाल प्रतिमा विराजमान है। कुंडलपुर शहर में 60 से अधिक जैन मंदिरों तीर्थ स्थल मौजूद है। कुंडलपुर में सबसे प्रसिद्ध मंदिर श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र कुंडलपुर मंदिर है, जो जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित है। और पढ़ें …
नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य
यह लगभग 645 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करता है, और बाघों, तेंदुओं, सुस्त भालू, नीलगाय, चिंकारा, जंगली सूअर और पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों सहित विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों और जीवों का घर है। और पढ़ें …
मध्य प्रदेश के अन्य नेशनल पार्क
National Parks
Kanha Tiger Reserve
Bandhavgarh Tiger Reserve
Panna Tiger Reserve
Pench Tiger Reserve
Satpura Tiger Reserve
Sanjay-Dubri Tiger Reserve
Madhav National Park
Vanvihar National Park
Fossil National Park
Dinasour Fossil National Park
नमस्कार दोस्तो मेरा नाम अभिषेक सिंह मैं जबलपुर जिला का रहने वाला हूँ मेरी उम्र अभी 19 वर्ष की है अभी मैने रानी दुर्गावती विश्व विद्यालय से स्नातर की परीक्षा उत्तीर्ण की है ये तो आप सभी जानते हैं कि आज कल लोग जिंदगी में खुश रहने के लिए लोग क्या कुछ नहीं करते है
लेकिन फिर भी वह असफल हो जाते हैं और यह सोचने लगते है, कि हम क्या करें क्या न करें हम सभी लोगों का जीवन एक पेड़ की तरह है कि जब तक अपने आप पर विश्वास हैं तो किसी भी परिस्थिति में अपना जीवन बेहतरीन तरीके से जी सकते हैं|