Kundalpur Damoh

बड़े बाबा का दिव्य धार्मिक स्थल कुण्डलपुर | 2024 Kundalpur Damoh

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Kundalpur Damoh: कुण्डलपुर भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित एक जैनों का एक सिद्ध क्षेत्र है जहाँ से श्रीधर केवली मोक्ष गये है जो दमोह से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एक प्रमुख जैन स्थल है। यहाँ तीर्थकर ऋषभदेव की एक विशाल प्रतिमा विराजमान है। कुंडलपुर भारत के मध्य प्रदेश के दमोह जिले का एक कस्बा है। यह अपने जैन मंदिरों के लिए जाना जाता है, जो हर साल हजारों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करते हैं। कुंडलपुर शहर 60 से अधिक जैन मंदिरों का घर है, जो इसे भारत के सबसे महत्वपूर्ण जैन तीर्थ स्थलों में से एक बनाता है। कुंडलपुर में सबसे प्रसिद्ध मंदिर श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र कुंडलपुर मंदिर है, जो जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित है।

कुंडलपुर जैन मंदिरों के अलावा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और दर्शनीय स्थलों के लिए भी जाना जाता है। कुंडलपुर बांध पिकनिक और नौका विहार के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है, और पास के जंगल और पहाड़ियां ट्रेकिंग और वन्य जीवन को देखने के अवसर प्रदान करते हैं। कुल मिलाकर, कुंडलपुर एक समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत के साथ एक सुंदर और शांत जगह है। भारत में जैन धर्म या प्रकृति पर्यटन में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए यह निश्चित रूप से देखने लायक है।

कुण्डलपुर जो है वह जैनों का बहुत ही प्रसिद्ध जैन तीर्थ स्थल है जबकि यहाँ पर सभी धर्म के लोग तीर्थ यात्रा करने जाते हे इस मंदिर में विशेष रूप से ऋषभदेव की पूजा की जाती है। यहाँ पर और भी एक मंदिर हे जो बड़े बाबा के नाम से प्रसिद्ध है।

बड़े बाबा यहाँ के बहुत की खास हैं यह प्रतिमा शिलालेख पर अंकित है। जिसकी ऊँचाई लगभग 15 फीट करिवान हे जो पद्रासन मुद्रा में होने के कारण देखने में बहुत ही जादा खुबसूरत लगती हैं। यह स्थल इतना विख्यात हे की दूर-दूर से लोग देखे के लिए आते हे जो यहाँ की सुन्दरता की ही बाते करते जाते हैं यह स्थल सभी का मानमोहक है।

परिसर में मौजूद अन्य स्थल

परिसर में बहुत से ऐसे स्थल है जो वहां पर मौजूद हे बड़ी माता का मंदिर, मुख द्वार हे जहा से हम अन्दर प्रवेश करते हे सारणी माता मंदिर मुख्य हे जो देखने में बहुत ही खुबसूरत है। मंदिरों के पास वर्धमानसागर झील, पहाड़ी के नीचे मंदिर, समोशरण मंदिर, जो देखने में बहुत ही ज्यादा सुन्दर हैं।

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खास स्थान जहाँ से हमने नजारा देखा

यहाँ पर आने में ऐसा प्रतीत होता है जैसे कि ऋषभदेव यहाँ पर कई वर्षो तक रह चुके हो यहाँ जाकर जब हमने यहाँ का नजारा देखा तो लगता है जेसे बड़े बाबा की जो प्रतिमा है वह बहुत ही खुबसूरत हे हमने बहुत ही काम देखा हैं जो इतनी शानदार हे कि देखते ही बनता है।

यहाँ के नजरिये की बात करे तो यहाँ के जो मंदिरों की बानाट हे वह सबसे अलग हे जिनकी आकृति बहुत ही विशाल जो देखने में गोल मंदिर की भाती प्रतीत होती हैं।

जंगलो की ठंडी हवाएं जब हमें लगती हे तो ऐसा महसूस होता हे जैसे हावा सीधे आसमान से आ रही हो और आकर हमें नजरिये की कल्पना कर रही हो मेरा अनुमान हे की आपको भी यहाँ आकर यहाँ के नज़ारे का आनंद लेना चाहिए यह जगह आपको भी बहुत पसंद आएगी।

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इतिहासिक महत्त्व

कुण्डलपुर पर ज्यादातर जैन धर्म के लोग आते हे, जोकि बड़े बाबा को अपना भगवान मानते हैं यहाँ पर लोग दूर-दूर से यहाँ का इतिहास खोजने तथा जानकारी प्राप्त करने आते है।

ऋषभदेव के जीवनकाल का अनुभाव करते हे जीवनकाल की कामना करते है यहाँ का जो इतिहास हे वह बहुत ही प्रख्यात हे जहाँ इतिहासिक मूर्ति देखेने को मिलती है। यहाँ का इतिहास बहुत ही प्राचीनकाल का माना जाता है।

यदि अपको जब भी मोका मिले तो यहाँ का नजारा देखने के लिए जरुर आये और इस खुबसूरत नजरिये के आनंद ले जो आपके मन में होने वाली अनेक संकाओ को दूर करता हे एक खास बात और हे यहाँ का जो स्थल हे वह हमारे मन को सन्ति पहुँचाता हैं ।

धार्मिक महत्त्व

यहाँ का धर्म जैन के लिए प्रख्यात हे जबकि यहाँ पर आपको सभी धर्म के लोग देखने को मिलेंगे जो बड़े ही धार्मिक होते हैं। धार्मिक होने के कारण यह स्थल बहुत ही प्रसिद्ध हैं, जहाँ टूर करने दूर-दूर से लोग आते हैं तथा इस पवन स्थल की यात्रा करते हे।

प्राकृतिक महत्त्व

यहाँ की प्रक्रति बहुत ही ज्यादा सुन्दर हे जो नजरिये की द्रष्टि से देखने और भी ज्यादा शानदार हे पहरों की ठंडी हवाये जब हमें छूती हे तो एसा लगता है जैसे की यह हम से कुछ कहना चाहती हो वहां की हरयाली देखकर मन मस्ती से झूम उठता है, जब हम चारों ओर का द्रश्य देखते हे तो लगता हे यहाँ की जो प्रकृति है वह कितनी हसीन और मन भावक हैं।

संरक्षित क्षेत्र

यहाँ पर जो संरक्षित हैं 500 मीटर के दायरे तक फैला रहता हे इस क्षेत्र की पूरी व्यवस्था शासन के हाथों में रहती है जो यहाँ की हरयाली की देख भाल व यहाँ की वनस्पति की रक्षा करती है तथा यहाँ पर आप किसी चीज को हानि नहीं पहुँचा सकते यदि आप इनको हानि पुचाते हे तो आपको जुर्वाना देना पड़ता हैं जो की प्रशासन द्वारा जरी होता हैं।

यात्रा वृदांत

यात्रा व्रांत के लिए यह जगह बहुत ही खास हैं जब यहाँ पर दूर-दूर से यात्रीगण आते हे तो वह यहाँ आने की चेष्ठा करते रहते है। यदि आप नई-नई जगह पर घुमने के सोकीन हे तो यहाँ पर घूमना न भूले हम यहाँ की यात्रा करते है तो ऐसा लगता हे यहाँ की जो भी अक्रतियां है वह कितनी सुन्दर हैं।

यहाँ की यात्रा करने से मन में अनेक विचार उत्पन्न होने लगते है यहाँ की यात्रा करने से ऋषदेव की प्राचीन कल की आकृति देखने को मिलती हे जिसे देखकर हमें धर्म की जानकरी मिलती हैं।

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कब आयें

यहाँ पर आने के लिए कोई खास समय नहीं हैं इस स्थान पर घुमने के लिए आप कभी भी आ सकते है यहाँ पर आप जानकारी प्राप्त करने माध्यम से आ सकते हैं जिसके साथ में आप इस मुख्य जगह पर घूम कर आप यहाँ आनंद ले सकते हे यह ऐसी जगाह हे, जहाँ घुमने के बाद हमें अनेक स्थल याद आने लगते है जिससे हमें लगता है की हमें और भी स्थाल घूमना चाहिए जोकि यात्रा वृन्त के मध्याम से यह जगह बहुत ही खास हे।

पहुँच मार्ग

यह मध्यप्रदेश के दमोह जिले के ब्लाक पठेरा में स्थित हें यदि आप यहाँ आना चाहते हो तो आप किसी भी मार्ग से आ सकते हैं यदि आप चाहे तो बस ऑटो रिक्शा या स्यंम के साधन से भी आ सकते है।

1. बस मार्ग – बस मार्ग से आने के लिए आपको मध्यप्रदेश के दमोह शहर से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हे जो ब्लाग पठेरा में स्थित हैं।

2. ट्रेन मार्ग – यदि आप ट्रेन के माध्यम से आना चाहते हे तो आप ट्रेन के माध्यम से भी आ सकते है जो दमोह शहररेल्वे स्टेशन से 37 किलोमीटर की दुरी पर स्थित हैं।

वाहन पार्किंग

यह जो स्थान है वहाँ एक सिमित मैदान फैला हुआ हैं जहाँ आपको वाहन पार्किन की पूरी सुविधाये मिलेगी जहाँ पर आप अपना वाहन पार्क कर सकते हैं।

ठहरने और खाने की व्यवस्था

कुण्डलपुर पर ठहरने की आपको पूरी वयवस्था मिलेगी जहा पर आप किसी भी होटेल व धर्म शाला भी हैं, जहाँ ठहरकर आप भोजन और विश्राम कर सकते है तथा वहां पर बहुत सी धर्म शालाये भी जहा आप आराम से रुक सकते हैं ।

आस-पास के पर्यटन स्थल

स्थान

यह जो स्थान हे दमोह शहर से 35 किलोमीटर की दूरी पर हैं वह घुमने की द्रष्टि से बहुत ही अच्छा स्थान हे ऐसे स्थान पर घुमने से हमारी जो इच्छाओं की पूर्ती होती हैं, वह हम किसी से नहीं कह सकते हे, क्योंकि ऐसे स्थानों में बहुत ही कम घुमने को मिलता हैं इन स्थानों में घुमने से हमारी जो विचार धराये जो होतीं हे, वह परिवर्तित होने लगतीं हे की यहाँ के इतिहासकाल को जरुर देखना और समझना चाहिये।

जानकारी

यहाँ जानकारी पाने के लिए आप aryango.com पर सर्च कर के और भी अन्य जानकारी पा सकते हे यदि आप यहाँ की और भी जानकारी पाना चाहते हैं तो आप स्याम यहाँ पर घुमने जा सकते हे।

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