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नोहटा शिव मंदिर दमोह : 2024 Nohleshwar Shiv Temple Nohta

Shiv Mandir Nohta Abhana damoh

Nohleshwar Shiv Temple Nohta : नोहटा शिव मंदिर (नोहलेश्वर शिव मंदिर) बहुत खूबसूरत नक्काशियों से परिपूर्ण कल्चुरी काल में निर्मित एक बहुत ही आकर्षित मंदिर है। इसका निमार्ण 905 से 1000 ईस्वी के आस पास 10वी शताब्दी में हुआ है। यह कला का एक अनुपम व बेजोड़ नमूने की कृति है। नोहलेश्वर शिव मंदिर नोहटा, नोहटा के सबसे प्राचीन और महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है। यह उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के नोहता गांव में स्थित है। मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और कहा जाता है कि इसे 11वीं शताब्दी में स्थापित किया गया था।

माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण चंदेल वंश के राजाओं ने करवाया था। किंवदंती के अनुसार, मंदिर का निर्माण प्रतिहार शासकों पर चंदेल राजाओं की जीत के उपलक्ष्य में किया गया था। कहा जाता है कि सदियों से मंदिर का कई बार जीर्णोद्धार किया गया है। मंदिर परिसर में एक मुख्य मंदिर, एक मंडप (खंभों वाला हॉल), एक सभामंडप (पूजा का हॉल) और कई अन्य छोटे मंदिर हैं। मुख्य मंदिर में एक लिंगम (भगवान शिव का एक प्रतिष्ठित प्रतिनिधित्व) है। मंदिर में देवी-देवताओं की कई प्राचीन मूर्तियां भी हैं। मंदिर को वह स्थान भी माना जाता है जहां गंगा नदी बहने लगती है। पूरे भारत से तीर्थयात्री इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा करने आते हैं।

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नोहटा शिव मंदिर दमोह Nohleshwar Shiv Temple Nohta

नोहटा शिव मंदिर में भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर एक बड़े परिसर में स्थापित है। इस मंदिर की दीवारों में बहुत सुंदर सुंदर कलाकृतियां उकेरी गई है। जो बहुत ही अदभुत है और देखने में बहुत आकर्षित है। इस मंदिर परिसर में एक बहुत बड़ा बगीचा बना हुआ है। 

यह पूरा मंदिर पत्थरों की ईट से बना हुआ है। इस मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव की मूर्ति और अन्य मूर्तियां स्थापित है। जो बहुत बेशकीमती है। मंदिर की दीवारों में अन्य देवी देवताओं की मूर्ति उकेरी गई है। मंदिर का शिखर दोबारा निर्मित किया गया है। दीवार में एक तरफ माता नर्मदा की मूर्ति और दूसरी तरफ यमुना जी की मूर्ति बनी हुई है। 

मंदिर का बहुत सा भू भाग ढह चुका है। और बहुत सी ऐसी मूर्तियां है जिनके सर नही है। यह कृत्य मुस्लिम शासकों द्वारा किया गया है।

नोहलेश्वर शिव मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश में वाराणसी जिले के नोहता गाँव में स्थित एक हिंदू मंदिर है। मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और कहा जाता है कि इसे लगभग 300 साल पहले बनाया गया था। मंदिर गंगा नदी के तट पर स्थित है और हर साल हजारों भक्तों द्वारा दौरा किया जाता है। मंदिर हरे-भरे खेतों से घिरा हुआ है और अक्सर इसे “भगवान शिव का हरित मंदिर” कहा जाता है। यह मंदिर अपनी प्राचीन मूर्तियों और नक्काशियों के लिए भी जाना जाता है।

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कैसे पहुंचे नोहटा मंदिर 

नोहटा मंदिर (नोहलेश्वर मंदिर) मध्य प्रदेश के दमोह जिले में स्थित है। यह जबलपुर सागर रोड या सागर जबलपुर रोड पर ही पड़ता है। यह मंदिर मुख्य रोड के किनारे में बना हुआ है। यहां पर आप अपने वाहन से ट्रेन के जरिए पहुंच सकते है । यदि आप ट्रेन के माध्यम से आते है तो आपको दमोह स्टेशन में उतरना होगा । फिर आप बस के सफर का मजा लेते हुए नोहटा मंदिर पहुंच सकते है। और यदि आप जबलपुर स्टेशन में उतरते है तो आप दमोह जाने वाली बस से नोहटा पहुंच सकते है।

खाने और रुकने की व्यवस्था

यहां पहुंचकर आपको खाने के लिए दुकान या होटल मिल जाएंगे। और रुकने के लिए आपको दमोह या जबलपुर जाना पड़ेगा। 

जबलपुर के रास्ते यदि आप नोहटा जाते है तो आप रानी दुर्गावती वन अभयारण से होकर गुजरते है। साथ ही रास्ते में आपको निदान जलप्रपात देखने को मिलता है इसके अलावा सिंगौरगढ़ का किला घूमते हुए आ सकते है। 

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