सुहजनी वाली माता मंदिर मझौली जबलपुर (Suhajni Mata Mandir Majholi Jabalpur) : नवरात्र में भक्तो का अमवार रहता है। आसपास के जिलों से लाखो की संख्या में भक्त सुहजनी वाली माता के दर्शन करने आतें हैं। जिन भक्तों की माँ ने मन्नत पूरी की हुई हैं वे भक्त माँ के चढ़ावा ले कर आते है।
यहा जब आप अक्टूवर माह की नवरात मै आयेंगें तो आप देखेगे चाँदी के हजारों छत्रों का अम्बार लगा हैं। ऐ चाँदी के छत्र भक्तो द्वारा माता सुहजनी वाली को मन्नते पूरी होने के बाद चढ़ाये जातें हैं।
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26 सितम्बर 2022 से हमारे हिंदू धर्म में नवरात्र प्रारंभ हो चुके हैं, और हम सब माँ की आराधना, भक्ति में लीन हो जाएंगे। आज बैठकी का दिन है और हम देवी माँ दुर्गा की भक्ति एवं श्रद्धा के साथ उनका पूजन अर्चन करते हैं। हर हिंदू के घर में मां नवरात्रि के 9 दिन पूजा अर्चना होती हैं।
इनमें विशेष पूजा अर्चना और देवी माँ के दर्शन प्रमुख हैं । हम बात कर रहे हैं देवी माँ के दर्शन की जहाँ देवी माँ शक्ति, लक्ष्मी और सरस्वती तीनों देवी साक्षात् विराजमान हैं यह स्थान मध्य प्रदेश में स्थित है छोटा सा गाँव इसे हम सुहजनी के नाम से जानते है जो बहुत प्रसिद्ध है।
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सुहजनी वाली माता की स्थापना
सुहजनी वाली माता की स्थापना नवरात्र के सप्तमी को होती हैं, जो 2 अक्टूबर 2022 को शाम के समय बड़ी ही धूम-धाम और बेंड बजो के साथ में के साथ होती है । स्थापना के दिन लोगो की क़तार सेकड़ो की संख्या में होती हे। माँ की स्थपना का शाम 7:30 से शुरु हो जाती है, जो बहुत ही भक्तिमय होता है। जिसमें माँ काली,माँ सारस्वती ,माँ लक्ष्मी जी की पूजा बड़े ही हर्ष और उल्केलास के साथ की जाती हे।
![Suhajni Mata Mandir Majholi Jabalpur](http://aryango.com/wp-content/uploads/2022/07/Suhajni-Mata-Mandir-Majholi-Jabalpur-1024x576.webp)
माँ जगत जननी मैया सुहजनी वाली माता की स्थापना पंडित जी, कमलेश प्यासी जी के द्वारा होती हैं। देवी माँ की मूर्ति जिसका निर्माण वर्षो से एक ही रूप में इसी स्थल में आश्विन शुक्ल पक्ष की बैठ्की नवरात से प्रारंभ हो कर, सप्तमी के दिन स्थापना की जाती है। माँ के स्थापना का झारिया समाज जिनकी पीढ़ी दर पीढ़ी माई की सेवा का अवसर प्राप्त है।
सुहजनी वाली माता के दर्शन और आरती
नवरात्रि के समय में यहाँ पर बैठकी से लेकर ग्यारस तक लोग मैया सुहजनी वाली माता के दरवार में दूर-दूर के गाँवों से लोग सुबह 4: 00 बजे से पैदल चल कर मैयाजी को जल चढ़ाने आते है यहाँ जल चढ़ाने वालों की लम्बी कातार होती है। स्थान में आने वाले सभी रास्ते में लोगों की भारी भीड़ होती हैं।
सप्तमी के दिन से जल चढ़ाना बंद कर दिया जाता है क्योंकि सप्तमी के दिन ही माता जी की स्थापना की जाती है और माता जी के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से भारी मात्रा में लोग आने लगते हैं।
माता सुहजनी वाली के दरवार में जिवारे
माँ के दर्शन करने के बाद माँ स्थान के बाजू से अन्दर चलकर पंडा बाबा की की मढिया है। जहाँ से माँ के जिवारे शुरू होते है जहाँ पर जिवारों की संख्या बहुत अधिक होती है जहाँ दूर-दूर से लोग आते है।
![Suhaji Wali mata ke Jivare](http://aryango.com/wp-content/uploads/2022/07/Suhaji-Mata-Ke-Jivare-1024x576.jpg)
नवरात के पहले दिन से ही लोग यहाँ पर जिवारे विवाने के लिए आते है। जहाँ जिवारों के कलशों की संख्या हजार के ऊपर होती है जोकि नवरात के नोंवे दिन निकले जाते हैं। दशहरे के समय में अपनी मनोकामना पूरी होने पर लोग दूर-दूर से माँ के दरवार में बैंड बाजों के साथ में बड़े-बड़े जुलूसों को लेकर झंडा चढानेआते है।
सुहजनी का दशहरा
सुहजनी का दशहरा जबलपुर जिले में वहुत ही लोकप्रिय और प्रसिद्ध है। सुहजनी का दशहरा नवरात के ग्यारस को बढे धूम-धाम से मनाया जाता हैं। जो 6 अक्टूबर 2022 को रात के समय होगा और विसर्जन 7 अक्टूबर 2022 को सुबह 5.00 am के समय होगा तक का है।
रात में दशहरा
सुहजनी का दशहरा ग्यारस की रात बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता हैं, और जीवन भर स्मरणीय और रोमांचक रहेगा। इस वर्ष सुहजनी का दशहरा ग्यारस जो की 6 अक्टूबर 2022 को रात के समय होगा।
सुहजनी कब आयें : Suhajni Mata Mandir Majholi Jabalpur
यहाँ घुमने और दर्शन के लिए आप कभी आ सकते हैं। लेकिन आप अगर शारदीय नवरात्रि में यह स्थान माँ के दर्शन के लिए आतें हो तो ठीक रहेगा। अगर आप भी इस प्रसिद्ध सुहजनी के दशहरे का आनंद लेना चाहते हे तो शारदीय नवरात्रि के ग्यारस 6 अक्टूबर 2022 को रात के समय में आना न भूले।
इस समय में आकार आप इस विशाल दशहरे आनंद ले सकते हैं। क्योंकि यहाँ दशहरा बहुत ही खास होता हे जब भी आपको समय मिले यहाँ पर आना न भूले।
![Durga Dham Suhajni Mata](http://aryango.com/wp-content/uploads/2022/07/Durga-Dham-Suhajni-Mata-Majholi-1024x576.jpg)
नवरात के सप्तमी से विशेष महत्त्व
Suhajni Mata Mandir Majholi Jabalpur : नवरात के सप्तमी से, जो 2 अक्टूबर 2022 को शाम से आप 3 अक्टूबर 2022 को सुबह 5.00 am के समय होगा तक का है। इसके साथ ही बारस के दिन 7 अक्टूबर 2022 को सुबह 4.00 am के समय यहाँ पर माता रानी का भव्य जलशा निकलता है। जिसमे हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं।
नो पार्किंग जोन : Suhajni Mata Mandir Majholi Jabalpur
नवरात के सप्तमी से आप माँ के दर्शन के लिए सुहजनी आ सकते हैं, लेखिन अधिक भीड़ आने के कारण सुबह 10.00 am के बाद अगर आप मझौली मार्ग से आते हैं तो आपको सुहजनी गावं से 2 km के पहले आपको अपनी गाड़ी पार्किंग में खाड़ी करनी होगी लेकिन अगर आप सुबह 10.00 am के पहले दर्शन को आते हैं तो आपको मंदिर के बहुत पास तक आप अपनी गाड़ी से जा सकते हैं।
सुहजनी में मौजूद अन्य स्थल
सुहजनी का एक अपना धार्मिक महत्त्व है। सुहजनी माता मन्नत पूरी करनेवाली देवी दरवार के लिए प्रशिद्ध है। यहाँ पर लोग अपनी मन की मुरादों को लेकर माता के दरवार में आते है। सुहजनी में माता रानी के मंदिर के अलावा और भी अन्य दार्शनिक स्थल मौजूद हैं। जैसे
- यज्ञशाला सुहजनी
- माता दुर्गा मंदिर सुहजनी
- माता महाकाली मंदिर सुहजनी
![Suhajni Dham](http://aryango.com/wp-content/uploads/2022/07/Suhajni-Dham-1024x576.jpg)
क्या आपने कभी लगभग 3 फिट तक पंखों के फैलाव वाले बड़े चमगादड़ को देखा है। यदि नहीं तो शायद आप यह जानकर अचंभित हो जाओगे की यज्ञशाला सुहजनी में एक पीपल के पेड़ के पास बहुत सारी ऐसी चमगादड़ देखने को मिल जायगी। जिनका साइज़ लगभग एक बड़े बाज़ के बराबर होता है।
यज्ञशाला सुहजनी
सुहजनी में हर साल यज्ञ होता है। जिसके लिए यहाँ पर एक यज्ञशाला मौजूद है। हर नवरात्री के समय यहाँ पर मेला लगता है। जहाँ पर हजारों की संख्या में लोग पहुँचते है व माँ जगदम्बा के दर्शन प्राप्त करते है।
![Yagya Shala Suhajni Devi](http://aryango.com/wp-content/uploads/2022/07/Yagya-Shala-Suhajni-Devi-1024x576.jpg)
माता महाकाली मंदिर सुहजनी
सुहजनी के मुख्य मंदिर से थोड़ी दूर पर माता महाकाली का मंदिर स्थित है। जिसमे माता महाकाली की एक बहुत ही सुंदर मूर्ति स्थापित है। जिसे देख ऐसा प्रतीत होता है मानो सामने स्वयं माता महाकाली प्रकट हुई है। लोग यहाँ पर माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते हैं यहाँ पर वहुत शांत वातावरण होता है।
![Suhaji Ki Maha Kali](http://aryango.com/wp-content/uploads/2022/10/Suhajin-Ki-Maha-Kali-1024x576.jpg)
माता दुर्गा मंदिर सुहजनी
![Durga Mandir Suhajni](http://aryango.com/wp-content/uploads/2022/07/Durga-Mandir-Suhajni-1024x576.jpg)
मुख्य मंदिर से लगभग एक किलोमीटर की दुरी पर एक पहाड़ी पर बहुत ही खुबसूरत मंदिर बना हुआ है। जिसमे माँ दुर्गा जी की मूर्ति स्थापित है। यह मंदिर देखने में मन मनमोहक प्रतीत होता है। यह पूरा मंदिर परिसर में बहुत ही अच्छा लगता है। इस पहाड़ी से देखने पर आसपास के खेत खलियानों और प्रकति के अनुपम द्रश्य दिखाई देता है।
सुहजनी में खास स्थान जहाँ से हमने नजारा देखा
सुहजनी गाँव का वो खास स्थान जो हमारे लिए बहुत ही विशेष यादगार और ध्यान खीचने वाला बना। सुहजनी वाली माता जी हजारों जिवारो संख्या।
![Gram suhajni Majholi](http://aryango.com/wp-content/uploads/2022/07/Suhajni-Gav-Majholi-1024x576.jpg)
वहीं से थोड़ी दूर सीढ़ियों से ऊपर चढ़कर माँ दुर्गा जी का मन्दिर जहाँ पर लोग एक साथ बैठकर भक्ति से साथ भजन कीर्तन करते है। वहाँ का हम बहुत ही सानदार नजारा जहाँ से हम चारो और का नजारा देखते हुए आनंद लेते है। जिसमें हरे भरे खेत तलाब देख कर मन को बहुत ही सुकून मिलता हैं। आप जब भी यहाँ आयें तो इन खुबसूरत नजरो का आनंद जरुर ले।
सुहजनी में खासियत और सीक्रेट व्यू
हर जगह कुछ ऐसे खास स्थान होते है, जो बहुत ही काम लोगो को पता होता है। यहाँ पर एक शनि भगवान का भी मंदिर हैं। जो बहुत ही काम लोगो ने देखा है। यहाँ पर बहुत ही बड़े आकार के चमगादड़ पाये जाते हें जिनके पंखों के फैलाव का आकार 1 मीटर के आसपास होता है। जो विशेष रूप से बहुत ही काम देखने को मिलतें हैं।
यहाँ की खास बात यह हे की मैया जी को हर वर्ष एक ही रूप में बनाया जाता है जिनका रूप कभी बदला नहीं जाता है। जो की शेर में सवार होती है।
सुहजनी धार्मिक महत्त्व
यहाँ पर लोग धार्मिक रूप से पूजा करने आते तथा यहाँ के लोग बहुत ही धर्मिक हें। जो इस जगह को बहुत ही पवन स्थल मानते है। यहाँ पर हर माह रामायण मैया का आयोजन होता हैं। यह स्थान बहुत ही विशेष हे यहाँ पर सभी लोगो की मनोकामना पूरी होती है ,यहाँ से लोग कभी भी खली हाथ नहीं जाते है।
सुहजनी प्राकृति का महत्त्व
सुहजनी की जो प्रकृति है वह बहुत ही शांत हे ठंडी-ठंडी हवायों के झोके जब हमें लगते है। तो हमारा मन तृप्त हो जाता है और मन ख़ुशी से झूम उठता है। वहा घर लोटने का मन ही नहीं करता है।
यात्रा वृदांत
सुहजनी के पवन स्थानों में घूमना न भूले जोकि आपकी यात्रा को पवन बनाते हे इन विशेष जगह पर घूम कर आपका जीवन धन्य हो जायेगा। जो आपकी यात्रा को सुखद एवं यादगार बनाते हैं। ये ऐसे स्थल है, जहाँ लोग अपनी अर्जी की कामना लेकर आतें है।
जो आपको वहुत ही कम देखेने को मिलेगा। यहाँ पर माँ के दर्शन करने के लिए लाखों की संख्या में दूर-दूर से एवं देश-विदेश लोग आते हैं। दर्शन मात्र से माता जी का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं। यहाँ पर माँ के दर्शन करके आपका मन तृप्त हो जायेगा। यहाँ भूमि वहुत ही पवन है।
सुहजनी का मेला
सुहजनी का मेला नवरात पर लगता हैं। यहाँ का मेला सिर्फ चार दिन तक लगता हैं। नवरात के सप्तमी से लेकर ग्यारस की रात तक लगता है। यह मेला ग्यारहवे दिन का सबसे विशेष होता है। क्योकि इस दिन की रात्रि को माता जी का विसर्जन भी होता हैं, वो भी बड़े उत्सव के साथ में इसी रात को महाकाली यात्रा का आयोजन भी होता हैं।
![Suhajni Devi Ka Mela](http://aryango.com/wp-content/uploads/2022/07/Suhajni-Ka-Mela-1024x576.jpg)
प्रशासनिक व्यवस्था
सुहजनी के मेले में शासन द्वारा व्यवस्था वहुत ही अच्छे स्तर पर की जाती हैं। जिसमे पुलिस प्रशासन की पूरी टीम तैनात की जाती हैं।
सुहजनी पहुँचने का मार्ग
- मझौली से सुहजनी 8 km, पार्किंग 2 km के पहले सुहजनी पहुँचने का यह मुख्य मार्ग हैं।
- जबलपुर से इन्द्रना रोड (लड़ोई लुहारी गाँव से होकर) जो थोडा सा कच्चा मार्ग है 5 km,पार्किंग 2 km के पहले।
- जबलपुर से कटंगी पोला हो कर या मझौली हो कर पक्का मार्ग या पोला से कच्चा मार्ग,पार्किंग पास में।
- जबलपुर से कटंगी गठौरा हो कर कच्चा मार्ग,पार्किंग पास में ।
- जबलपुर से कटंगी पोला हो कर मझौली हो कर पक्का मार्ग या पोला से कच्चा मार्ग,पार्किंग 2 km के पहले।
सुहजनी वाली माता का विसर्जन समारोह
सुहजनी वाली माता का विसर्जन होने से पहले पूरी रात माँ के दरवार में दूर-दूर से गायक आते हे जो वहाँ आकर सभी लोगों का मनोरंजन व माता का भजन-कीर्तन करते हैं। सुबह 4.00 am के समय के दिन यहाँ पर माता रानी का भव्य जलशा निकलता है। जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं।
सुहजनी वाली माता का भव्य जलसा निकलने के तुरन्त बाद माताजी के विसर्जन की तैयारी शुरू हो जाती है। जोकि पास के तालाब में विसर्जन की जाती हैं जिसके पश्चात वहाँ पर इतनी अधिक भीड़ होती हैं। की पैर रखने ले लिए जगह कम पड़ जाती हैं।
सुहजनी वाली माता का विसर्जन के लिए बैंड बाजों के साथ में ले जाते है। मैयाजी को एक बार उठाने के पश्चात सिर्फ विसर्जन स्थान पर ही रखा जाता हैं जहाँ मैयाजी की अंतिम आरती होने के पश्चात् मैयाजी को विसर्जित कर दिया जाता हैं।
सुहजनी में वाहन पार्किंग व्यवस्था
यदि आप नवरात्र के समय सुहजनी आते हैं तो आपको यंहा पर पार्किंग के लिए करीब 1 किलोमीटर की दुरी पर गाड़ी को पार्क करके मंदिर की तरफ जाना पड़ता है। यदि आप अन्य दिनों में सुहजनी आते हैं तो आपको मंदिर के मुख्य द्वार के सामने अपनी गाड़ी पार्क करने के लिए बहुत जगह मिल जायगी। जिसका आपको कोई चार्ज नहीं चुकाना पड़ता है।
सुहजनी में ठहरने और खाने की व्यवस्था
अगर आप वहा पर जाते हैं तो आपको खाने पीने की पूरी व्यवस्ता मिलती है। दसहरे के शुरु दिन से ही विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है, जहाँ पर आप ठहर कर खाना खा सकते है जब की देर तक आराम कर सकते है।
FAQ : हमेशा पूछे जाने वाले प्रश्न
मझौली से सुहजनी की दुरी कितनी हैं ?
जबलपुर से सुहजनी की दुरी कितनी हैं ?
कटंगी से सुहजनी की दुरी कितनी हैं ?
सुहजनी वाली माता मंदिर कहाँ पर हैं ?
सुहजनी वाली माता मंदिर क्यों प्रसिद्ध हैं ?
आस-पास के पर्यटन स्थल
नाहन देवी मंदिर जबलपुर, कटाव धाम मझौली, सिद्धाम धाम लोढ़ा पहाड़ सिहोरा,
भगवान विष्णु बारह मझौली जबलपुर , कुंडा धाम कटंगी, निदान वॉटरफॉल,
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