Bandakpur Dham Damoh

Bandakpur Damoh: श्री जागेश्वर धाम बांदकपुर दमोह घूमने से पहले जान लें

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Bandakpur Damoh: बांदकपुर भारत के मध्य प्रदेश राज्य के छोटे से जिले दमोह से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक छोटा सा क़स्बा है, यहाँ का मंदिर बहुत ही सुन्दर, चमत्कारिक और अलौकिक हैं। यह भगवान शिव को समर्पित प्रसिद्ध जागेश्वर नाथ मंदिर के लिए जाना जाता है। भगवान शिव शंकर की नगरी बांदकपुर (Bandakpur Damoh ) तीर्थ स्थलों में से एक हैं। रहस्यमयी शिव मंदिर है। इस मंदिर में सालभर श्रद्धालु आते रहते है। यह आसपास के जिलों के लोगो का आस्था और आकर्षण का केंद्र भी है। जो शिव भक्तों अपनी और आकर्षित करता है। मंदिर में हर वर्ष महाशिवरात्रि के दिन लाखों की संख्या में लोग आते है। यह मंदिर देखने में बहुत ही सुंदर लगता है।

हर साल, बसंत पंचमी और शिवरात्रि के त्योहारों के साथ-साथ सोमवती अमावस्या पर भी बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ती है। मुख्य मंदिर के गर्भगृह में प्रतिष्ठित शिव-लिंग स्थापित है, जबकि परिसर के अन्य मंदिरों में राधा-कृष्ण, दुर्गा देवी, काल-भैरव, भगवान विष्णु, लक्ष्मी देवी और देवी नर्मदा जैसे विभिन्न देवी-देवताओं का सम्मान पूर्वक स्थापित किया गया है।

यह मंदिर दमोह जिले के पास एक छोटे से गाँव बांदकपुर में स्थित है। इस मंदिर को श्री जागेश्वर धाम (Jageswar Dhaam) मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर का निर्माण 1711 ईसवीं में दीवान बालाजी राव चंदोरकर ने करवाया था। मंदिर के मुख्य गर्भगृह में एक शिव-लिंग है, जबकि बगल के मंदिर में देवी पार्वती की मूर्ति शिव की ओर है। बांदकपुर बसंत पंचमी और शिवरात्रि पर अपने वार्षिक मेला आयोजनों के लिए भी प्रसिद्ध है।

बांदकपुर में विशेष रूप से 2 बड़े मंदिर है। एक माता पार्वती जी का और दूसरा स्वयं-भू भगवान शिव शंकर जी का। यह देखने में बहुत ही सुंदर और अपनी ओर मन को आकर्षित करते है। इन मंदिर की बनावट अत्यधिक सुंदर और दर्शनीय है।

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Bandakpur Damoh

मंदिर का परिसर काफी बड़ा है। जिसमे अन्य छोटे मंदिर भी स्थापित है। साथ ही इस मंदिर परिसर में एक बाबडी भी बनी हुई है। लोग यंहा पर अपने मित्रों ,परिजनों के साथ भगवान शिव के दर्शन करने और पिकनिक मनाने के लिए भी आते है।

यात्रा के साथ-साथ लोग शुभ महूर्त में साल भर हिन्दू लोंगों का विवाह का आयोजन भी इसी मंदिर में होता रहता है। यहाँ बहुत दूर-दूर से विवाह के लिए जोड़े के साथ आतें हैं। साथ ही विशेष पर्व और महूर्त में बहुत बड़ा सामुदायिक विवाह का आयोजन होता हैं जिसमें सैकड़ों की संख्या में वर-वधु विवाह के बंधन में बंध जातें हैं।

यहाँ पर मंदिर के पास में बहुत सारी छोटी बड़ी दुकान लगी रहती है। जहाँ से आप प्रसाद और पूजन की सामग्री भी खरीद सकते है। इसके अलावा यहाँ पर फल फूल की दुकान भी मौजूद है। यहाँ पर आप ओर अन्य प्रकार के सामान भी खरीद सकते है।

श्री जागेश्वर धाम बांदकपुर का धार्मिक महत्त्व

बांदकपुर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। हिन्दू तीर्थ स्थलों में से एक रहस्यमयी शिव मंदिर है। यह शिवलिंग स्वयं-भू शिवलिंग है। इस मंदिर में जो शिवलिंग मौजूद है उसकी ऐसी मान्यता है, की इस शिवलिंग को कोई भी अपने दोनों हाथों के बीच में नहीं भर पाता है। साथ ही यह शिवलिंग धरती के गर्भ में कितने अंदर तक है, यह कभी कोई पता नहीं लगा पाया हैं, यह आज भी एक रहस्य बना हुआ है।

भागवान शिव शंकर की नगरी

पौराणिक मान्यताओ के अनुसार इस जगह पर माता पार्वती और भगवान शिव जी की शादी महाशिवरात्रि के दिन हुई थी। तभी से यहाँ पर महाशिवरात्रि के दिन विशेष उत्सव होते है। यहाँ पर माता पार्वती मंदिर भी शिव मंदिर से लगभग 15 मीटर की दुरी पर सामने की ओर बना हुआ है। यहाँ पर जब महाशिवरात्रि के दिन दोनों मंदिरों में ध्वज अर्पण किया जाता है, तो आरती के समय पर दोनों ध्वज एक-दुसरे से मिल जाते है। यह एक बार नहीं हर बार होता है, जो यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। और यह विशेष तौर से महाशिवरात्रि के दिन होता हैं जिसका नजारा आप स्वयं ही जाकर देख सकते हैं।

बांदकपुर पहुँच मार्ग

बांदकपुर मध्यप्रदेश राज्य के दमोह जिले का एक छोटा सा गाँव है यहाँ पहुँचने के लिए आप बस, ट्रेन या खुद के वाहन से आ सकते है। यहाँ पहुंचने के लिए सड़क मार्ग और रेल मार्ग दोनों उपलब्ध है यदि आप रेल की यात्रा करके बांदकपुर आना चाहते है तो आप सीधे बांदकपुर रेलवे स्टेशन से जागेश्वर शिव मंदिर की दूरी 4 किलोमीटर की दुरी तय करके मंदिर पहुंच सकते है।

यदि आप सड़क मार्ग से श्री जागेश्वर धाम बांदकपुर आते है, तो यह मंदिर मुख्य हाई-वे से 8 किलोमीटर अंदर की ओर जाना पड़ता है यह कटनी-दमोह राजमार्ग में स्थित है। यदि आप दमोह मार्ग से मन्दिर पहुंचना चाहते है तो आपको 18 किलोमीटर की दुरी तय करके आना पड़ेगा। यदि आप सागर से बांदकपुर आयेंगे तो यह 96 किलोमीटर की दुरी पर पड़ेगा।

कटनी और बांदकपुर की दुरी लगभग 94 किलोमीटर है इसके अलावा जबलपुर से बांदकपुर की दुरी 120-122 किलोमीटर का सफ़र तय करना पड़ेगा।

यदि आप अपने वाहन से आते है, तो आपको यहाँ पार्किंग की सुविधा भी मिल जायगी जिसका आपको चार्ज पे करना पड़ेगा।

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बांदकपुर में ठहरने और खाने की व्यवस्था

यहाँ पर खाने-पीने की अच्छी व्यवस्थायें उपलब्ध है। यहाँ पर आपको फल की दुकान और भी अन्य खाने की चीजों की दुकाने मिल जायगी। यहाँ बांदकपुर में रुकने के लिए आपको होटल की व्यवस्था नहीं है, लेकिन आपको दमोह में रुकने के लिए रिसोर्ट/होटल आराम से मिल जायगे।

कब आये श्री जागेश्वर मंदिर बांदकपुर

चूँकि यह एक धार्मिक पवित्र स्थान है तो साल भर प्रतिदिन लोग और दर्शनार्थी यहाँ पर आते है, लेकिन कुछ खास समय पर यहाँ पर बहुत ज्यादा संख्या में श्रद्धालु आते है, जैसे सावन माह में और महाशिवरात्रि के दिन। इसके अलावा आपको दोपहर के समय (12बजे – 3बजे) मंदिर के पट(दरवाजा) बंद मिलेगे।

बांदकपुर धाम परिसर में मौजूद अन्य स्थल

मंदिर के परिसर में बहुत से अन्य छोटे मंदिर भी स्थित है.

  • सीता-राम मंदिर
  • श्री हनुमान मंदिर
  • लक्ष्मी नारायण मंदिर
  • माँ नर्मदा मंदिर

बांदकपुर का इतिहासिक महत्त्व

बांदकपुर में बहुत ही सुंदर और चमत्कारिक स्वयंभू शिव मंदिर है। जिससे लोगों के मन में भागवान शिव के प्रति मन में अपार श्रद्धा और आस्था का भाव है। कुछ मान्यताओं और कथाओं के अनुसार यहाँ पर भगवान शिव रूपनाथ धाम से पहाड़ों के बीच से होकर जागेश्वर धाम पहुंचे थे। यहाँ पर जो शिवलिंग है, वह पाताललोक तक अनंत गहराई तक स्थित है।

बांदकपुर कब आयें

बांदकपुर आने के लिए आप साल में किसी भी दिन आ सकते है। लेकिन घूमने का सबसे अच्छा समय बांदकपुर, दमोह जाने का आदर्श समय सर्दियों के मौसम (अक्टूबर से फरवरी) के दौरान होता है। जब मौसम सुहावना होता है और अन्वेषण के लिए उपयुक्त होता है। गर्मी के महीनों (मार्च से जून) के दौरान यहां जाने से बचें क्योंकि तापमान गर्म और आर्द्र हो सकता है। यहाँ प्रतिदिन काफी संख्या में श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर पहुँचते है।

बांदकपुर मंदिर खुलने का समय

बांदकपुर शिव मंदिर में सुबह 5 बजे प्रारंभिक आरती होती है। इसके अलावा आपको दोपहर के समय (12बजे – 3बजे) मंदिर के पट(दरवाजा) बंद मिलेगे।

वाहन पार्किंग

यदि आप अपने निजी वाहन से बांदकपुर आते है तो आपको वाहन पार्क करने के लिए वाहन पार्किंग की जगह मिल जायगी। जिसका आपको आपके वाहन के हिसाब से चार्ज पे करना पड़ेगा।

Bandakpur Damoh Local Gide

बांदकपुर, दमोह की यात्रा की योजना बनाते समय, आपके अनुभव को बढ़ाने के लिए यहाँ कुछ यात्रा सुझाव दिए गए हैं।

परिवहन:

बस या ट्रेन बस से निकटतम शहर दमोह पहुंचें। दमोह से, बांदकपुर पहुंचने के लिए टैक्सी किराए पर लें या स्थानीय बस लें। सलाह दी जाती है कि पहले से परिवहन की व्यवस्था करें या सुविधा के लिए स्थानीय गाइड किराए पर लें।

ड्रेस कोड और शिष्टाचार:

बांदकपुर में धार्मिक स्थलों का दौरा करते समय मामूली पोशाक पहनें। अपने कंधों और घुटनों को ढंकना और मंदिरों में प्रवेश करने से पहले अपने जूते उतारना सम्मानजनक है। शिव मंदिर या अन्य पूजा स्थलों पर मनाए जाने वाले किसी विशेष नियम या रीति-रिवाज का पालन करें।

आवास:

हालांकि बांदकपुर एक छोटा गांव है, आप पास के दमोह में बुनियादी आवास विकल्प पा सकते हैं। यह अनुशंसा की जाती है कि आप अपने आवास को अग्रिम रूप से बुक कर लें, विशेष रूप से चरम यात्रा के मौसम या त्योहारों के दौरान।

भोजन और पानी:

दमोह के स्थानीय व्यंजनों का आनंद लें, जिसमें मध्य प्रदेश के पारंपरिक व्यंजन शामिल हैं। पेट की किसी भी समस्या से बचने के लिए स्ट्रीट फूड का सेवन करते समय सतर्क रहें और बोतलबंद या फ़िल्टर्ड पानी पिएं। अपनी यात्राओं के दौरान अपने साथ पानी की बोतल ले जाने की सलाह दी जाती है।

सुरक्षा और संरक्षा:

व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए आवश्यक सावधानी बरतें। अपने सामान को सुरक्षित रखें, दूरस्थ क्षेत्रों में अकेले यात्रा करने से बचें, और स्थानीय समाचार और मौसम की स्थिति से अपडेट रहें।

स्थानीय रीति-रिवाजों का सम्मान करें:

स्थानीय लोगों के साथ सम्मानपूर्वक जुड़ें और उनकी परंपराओं और जीवन के तरीके के बारे में जानें। व्यक्तियों या संवेदनशील स्थानों की तस्वीरें लेने से पहले अनुमति लें और स्थानीय लोगों या मंदिर अधिकारियों द्वारा प्रदान किए गए किसी भी दिशा-निर्देश का पालन करें।

खुले दिमाग और जिज्ञासु रहें:

बांदकपुर, दमोह की सादगी और आकर्षण को अपनाएं। स्थानीय लोगों के साथ बातचीत करें, उनकी कहानियों के बारे में जानें और नए अनुभवों और दृष्टिकोणों के लिए खुले रहें।

स्थानीय त्यौहार और कार्यक्रम:

जांचें कि आपकी यात्रा के दौरान कोई स्थानीय त्योहार या कार्यक्रम हो रहा है या नहीं। सांस्कृतिक समारोहों में भाग लेने से स्थानीय परंपराओं और रीति-रिवाजों में एक अनूठी अंतर्दृष्टि प्रदान की जा सकती है।

आस-पास के आकर्षणों की खोज:

शिव मंदिर के अलावा, आसपास के अन्य आकर्षणों जैसे प्राकृतिक स्थलों, ऐतिहासिक स्मारकों आदि को देखने के लिए अपनी यात्रा का अधिकतम लाभ उठाने के लिए यात्रा कार्यक्रम की योजना बनाएं।

वृदांत

स्थान

जानकारी

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