लोगों को अक्सर इतिहासिक और प्राचीन जगहों में घूमना और वंहा के दर्शनीय स्थानों को देखना बहुत ज्यादा पसंद होता है लोग ऐसी जगहों की तलाश में रहते है. जिन जगहों को दूर से देखकर उनमे छिपे रहस्यों को देखने का मन करता है. मन में यह प्रश्न उठते है. की इस जगह का इतिहास क्या है?
कुछ इसी प्रकार मैं भी कुछ वर्षो से जब राजा सलैया के मार्ग से गुजरता था तो मुझे वंहा पर किले की दीवार दिखाई देते थे जिससे मेरे मन में उनको पास से देखने की इक्छा बहुत बार होती थी. किन्तु मैंने एक दिन तय किया की मुझे इसको पास से देखना है। तब मैंने अपने भाई जोकि वंहा से लगभग 5 किलोमीटर दूर एक गाँव में रहता है उसके साथ ही मैंने वंहा जाने का निर्णय किया।
सलैया पहुंचकर मुख्य मार्ग से लगभग १ किलोमीटर अंदर की ओर जाने के बाद मैंने एक बड़े क्षेत्र में फेला किले के अवशेष देखा. जैसे ही हम अंदर की ओर पहुंचे तो मेने किले की बड़ी और ऊँची दीवार को द्वेख उसके भूतकाल में बने विशाल किले के बारे में मन सोचा की उस समय यह अपने वैभव और कीर्ति में कितना भव्य रहा होगा और विशाल रहा होगा।
हम आंगे की ओर बड़े तो मैंने किले के मुख्य द्वार को देखा जो की बहुत ऊँचा है जिससे एक हाथी आराम से निकल सकता है। मुख्या द्वार के ऊपर एक कमरे के अवशेष थे यह शायद उस द्वार पर रक्षा करने वाले सैनिको को बैठने के लिए बनाए गए होंगे ।
किले की दीवारों के पास मैं एक बहुत बड़ी पत्थर की हाथ चक्की को देख में आश्चर्यचकित हो गया की इतनी बड़ी चक्की में लोग हाथों से घुमाकर अनाज को कैसे पीसते रहे होंगे. इसी बात से मैंने अंदाज़ा लगाया की जो भी पहले के समय के लोग थे उनमे बहुत बल होता था।
चूँकि महल का आधे से ज्यादा हिस्सा अब ढह चुका है। किन्तु अभी भी यंहा बहुत कुछ देखने के लिए मिल जाता है. बड़े द्वार के बाजु में एक बरगद के पेड़ के नीच एक छोटा से मंदिर बना हुआ। जिसकी वनाबत चोकोर है. इसके पास में एक शिवलिंग स्थापित है. इनके अलावा श्री गणेश जी की मूर्ति और श्री हनुमान जी महाराज की मूर्ति स्थापित है।
किले के बगल से एक नदी बहती है। जिस तक पहुँचने के लिए आपको सीढ़ी से नीचे की और जाना पड़ता है। आप जैसे ही नीचे पहुंचेगे तो यंहा पर एक घाट बना हुआ है जिसे रानी घाट के नाम से जाना जाता है। कहते है की इस घाट पर किले की रानियाँ किले से सुरंग से होती हुई यंहा पहुंचकर स्नान किया करती थी। जो की अब धंस चुकी है ।इसी घाट के बाजू में एक श्री गणेश जी की छोटी सी पत्थर पर बनी मूर्ति रखी हुई है। यंहा से आसपास का नज़ारा बहुत ही अच्छा दिखता है। यंहा का माहोल बहुत ही शांत होता है।
परिसर में मौजूद अन्य स्थल
इस किले के आस पास बहुत से छोटे बड़े मंदिर मौजूद है। जिनमे से कुछ मंदिर अब खंडहर में तब्दील हो चुके है। जिनमे अब कोई भी मूर्ति स्थापित नहीं है। किले के पास 2 बड़े मंदिर है। इनमे से एक मंदिर के दरवाजे बंद थे। और एक मंदिर में अष्टधातु से बनी श्री कृष्णा जी की मूर्ति स्थापित थी जो मंदिर के गर्भग्रह से चोरी हो गई थी। चोरों ने खजाने की लालच में इस मंदिर में खुदाई भी कर दिए है। अब यह मंदिर अब वीरान हो चुका है।
खास स्थान जहाँ से हमने नजारा देखा
यहाँ पर घूमते समय जब हम सीढ़ी से नीचे की ओर रानी घाट गए तब हमने इसका अलग ही नज़ारा देखा। यंहा से देखने पर यह बहुत सुंदर दिखता है। हम कुछ देर यही पर बैठकर यंहा पर यंहा की शान्ति का अनुभव किया और यंहा पर हमे थोड़ी सी ठण्डक भी महसूस होती है।
संरक्षित क्षेत्र
बड़ा अजीव सा लगता है इतनी प्रचीन एतिहासिक धरोहर के प्रति पुरात्व्त विभाग इतना उदासीन क्यों है? जो अभी तक इसे संरक्षित नहीं कर सका।
यात्रा वृदांत
मैं जब दमोह में स्थित कुम्हारी जलप्रपात देखकर लिए कटनी जिले से होते हुए जबलपुर लौट रहा था तब मैं यंहा पर घुमने का मन बनाया।
कब आयें
आप यहाँ पर साल में कभी भी आ जा सकते है। यहाँ घुमने के लिए आपको कोई टिकट नहीं लेनी पड़ती न ही कोई शुल्क पे करना पड़ता है। यहाँ पर आप वेफिकर होकर घूम सकते है।
राजा सलैया पहुँच मार्ग
राजा सलैया कटनी जिले के बहोरिबंद तहसील में वाकल से लगभग 8 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। यह कटनी दमोह मार्ग पर स्थित है।
यदि आप यहाँ घुमने के लिए आना चाहते है तो आप यहां ट्रेन या निजी वाहन से आ सकते है।
यदि आप ट्रेन से यात्रा करके यहाँ आते है तो आप यहाँ के निकटतम रेलवे स्टेशन सलैया रेलवे स्टेशन से 4 किलोमीटर की दुरी तय कर यहाँ पहुँच सकते है।
“धर्मेंद्र सिंह आर्यन गो में सीनियर डिजिटल कंटेंट राइटर कार्यरत है। उम्र 35 साल है, शैक्षिणिक योग्यता दर्शनशास्त्र में एम.फिल है, मुझे किताबें पढ़ने, लेखन और यात्रा करने का शौक है, मेरा आहार शुद्ध शाकाहारी भोजन है। मुझे भारत के छिपे हुए पर्यटक स्थलों की खोज करने और उन पर लेख लिखने का गहरा जुनून है।
पिछले 18 वर्षों से, मैंने एक ट्रैवल गाइड के रूप में अमूल्य अनुभव एकत्र किए हैं, जिन्हें मैं अब अपने ब्लॉग के माध्यम से गर्व से साझा करता हूं। मेरा लक्ष्य आपको भारत के सबसे आकर्षक यात्रा स्थलों के बारे में आकर्षक और व्यावहारिक जानकारी प्रदान करना है, साथ ही अन्य उपयोगी ज्ञान जो आपकी यात्रा को बेहतर बनाता है।
मैंने एक ब्लॉगर, YouTuber और डिजिटल मार्केटर के रूप में अपनी भूमिकाएँ निभाई हैं। मैं प्रकृति की गोद में बसे एक छोटे से गाँव में अपने शांतिपूर्ण जीवन से प्रेरणा लेता हूँ। मेरी यात्रा दृढ़ता और समर्पण की रही है, क्योंकि मैंने अपने सपनों को वास्तविकता में बदलने के लिए कड़ी मेहनत की है। अपने ब्लॉग के माध्यम से, मैं अपने द्वारा अर्जित ज्ञान को साझा करना चाहता हूँ और दूसरों को रोमांचकारी यात्रा करने के लिए प्रेरित करना चाहता हूँ।“