Katav Dham Majholi: कटाव धाम मझौली प्रकृति को गोद में बसा बहुत ही सुंदर और प्राकृतिक द्रश्य से सुसज्जित पवित्र एवं धार्मिक पर्यटक स्थल हैं। यहाँ आपको बहुत ही मंत्रमुग्ध कर देने वाले अद्भुत नजारे देखने को मिलेंगे। इस स्थान पर ज्यादातर लोग अपने मित्रों एवं परिवार के साथ पिकनिक मनाने आते हैं। अगर आप भी इन मनमोहक द्रश्यों के बीच अपना कुछ समय बिताने और शांति का अनुभव करना चाहतें हैं तो आप भी कटाव धाम (Katav Dham Majholi) आ सकते है।
Katav Dham Majholi : नेचर फोटोग्राफी
यहाँ पर हिरन नदी एक बहुत बड़े चिट्टानी पहाड़ को दो टुकड़ों में काटकर उसके बीचों-बीच से रास्ता बनाकर कल-कल की आवाज करती हुई बहती हैं। कटाव धाम के पहाड़ी के दोनो किनारों पर बहुत से मंदिर आपकों देखने मिल जायेंगे। इनमे से एक मंदिर जो पहाड़ी की ऊंचाई पर बिल्कुल नदी के किनारे बना हुआ है। जो ठीक लाल मंदिर के ऊपरी चट्टानी पहाड़ के कारण लोगो के आकर्षण का केंद्र भी हैं।
इसके अलावा पहाड़ की चोटी पर सिद्ध महाराज मृग्ननाथ जी का मंदिर है। कटाव धाम को सिद्ध धाम के नाम से भी जाना जाता है। कहते है की यहाँ पर जो भी सच्चे दिल से अपनी मन्नत लेकर आता है, सिद्ध बाबा, महाराज मृग्ननाथ जी उनकी हर मनोकामना की पूर्ती करते है।
पहाड़ी के चढ़ने के लये वहुत ज्यदा सीढ़ियों पर चढ़ के जाना होता हैं जो वहुत ज्यादा थकाने वाला होता हैं, लेकिन कटाव पहाड़ी के ऊपर से देखने पर सारी थकान दूर हो जाती हैं, क्योंकि मन को छू लेने वाला विहंगम दृश्य जो आपकों दूर तक ऊचाई से देखने का आनंद प्रदान करती हैं, जिससे आपका मन भाव भी भोर हो जायेगा।
कटाव में आपको जंगली जानवर तो देखने नही मिलेंगे परन्तु यहाँ पर आपको बहुत सारे लाल मुंह वाले बंदर वहुत ज्यादा संख्या में देखने को जरूर मिलेंगे। इसलिए आपको अपने समान और खास कर बैग वगैरा का ध्यान भी रखना होगा। नहीं तो बंदरों के हाथ लगने पर आप सिर्फ दूर से तमासा ही देख सकतें हैं।
मध्यप्रदेश के जिले, जबलपुर से 40 किलोमीटर दूर नगर मझौली से 6 किलोमीटर दूर गुबरा रोड (दमोह) पर आकर्षित और मनमोहक दृश्यों से भरपूर कटाव धाम स्थित है। यहाँ पर आप अपने खुद के वाहन से आ सकते है। इसके अलावा आप बस का सफर करके भी कटाव धाम घूमने आ सकते है। मझौली रोड के अलावा आप जबलपुर के कटंगी बायपास रोड से 35 किलोमीटर की दूरी तय करके भी कटाव धाम पहुंच सकते है।
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मैं भी कटाव धाम के पास मझौली में रहता हूँ। और जब भी मुझे टाइम मिलता है तो मैं कटाव धाम घूमने चला जाता हूँ।
और अपना समय इन प्राकृतिक नाजारो के बीच में व्यतीत करता हूँ। जहाँ मुझे अत्याधिक शांति और सुख का अनुभव होता है।
मेरा अनुमान हे, कि आप भी एक बार प्रकृति की गोद में स्थित कटाव धाम में घूमने जरूर आए। आप एक नया अनुभव प्राप्त करेंगे।
यंहा आसपास आपको और भी बहुत सारे प्रक्रति गोद में सिथित बहुत से मनमोहक पर्यतिक स्थल देखने को मिल जायगे जहा पहुंचकर आप देखेंगे की कितने शानदार और दिल को छु लेने बाले द्रश्य आपकी आँखों को आशीम शांति मिलेग
ऐसे प्राकतिक द्रश्य आपको कटाव से 20 km आंगे बहोरीबंद के पास आपको रूपनाथ भगबान शिव का धाम देखने को मिलेगा।
इसके विपरीत कटाव धाम से 15km आंगे गुबरा से होते हुहे सिग्रामपुर के पास भैसा घाट जलप्रपात
जाते है तो वह भी प्रक्रति की गोद में वसा एक पर्यटन स्थल हैं।
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मृगन्न्नाथ महाराज का सिद्ध धाम, कटाव धाम मझौली जबलपुर
अमरनाथ धाम कटा पहुंचने के लिए आपको एक ऊंची पहाड़ी पर बहुत ही मुश्किल रास्ता वाली 717 सीढ़ियां पर आपको चल कर जाना होगा। यह ऊंची चढ़ाई आपको बहुत ही थका देने वाली होती है। दोपहर के समय तो या चढ़ाई करना बहुत ही मुश्किल हो जाता हैं।
आपको जब भी ऊपर सिद्धाम जाना होगा तो साथ में आप पानी की 1 बोतल साथ में अवश्य लेकर जाएं। ऊपर पहुंचने के बाद चारों तरफ क्षेत्र कब भव्य नजारा देखते ही बनता है। पहाड़ की चोटी में होने के कारण धाम बहुत अच्छा लगता है। यह चोटी क्षेत्र की सबसे ऊंची चोटियों में से एक है।
यह मृगन्न्नाथ बाबा जी का धाम बहुत ही प्रसिद्ध है। यहां पर कहां जाता है कि जिन मरीजों को मिर्गी जिसे फिट भी कहते हैं। अगर आती है और वह कहीं भी इलाज कराते हैं तो उन्हें आराम नहीं लगता हैं। पर यहाँ बाबा मृगंन्न्नाथ के दर्शन मात्र से ही मिर्गी के मरीज ठीक हो जाते हैं जिसके लिए यहाँ पर बहुत दूर-दूर से मिर्गी के मरीज बाबा मृगंन्न्नाथ के दर्शन करने के लिए आते हैं।
लाल मंदिर कटाव धाम मझौली जबलपुर
कटाव के लाल मंदिर का एक स्वरुप देखने को मिलता है की यहाँ पर चाहे जितनी भी अधिक वर्षा क्यों न हो बाढ़ के जल का बहाव लाल मंदिर तक नहीं पहुँच पता हैं। यदि आप भी यह द्रश्य देखना चाहते हैं तो बरसात के मौसम में देखने के लिए आप यहाँ पर आ सकते हैं।
लोड़ा सिद्ध धाम मंदिर, कटाव धाम मझौली जबलपुर
लोड़ा सिद्धाम मंदिर यह मंदिर पहाड़ी की ऊपरी सतह पर बना हुआ हैं। इस मंदिर तक आप आसानी से पहुँच सकते हैं। क्योंकि यहाँ पर मंदिर तक जाने के लिए मेन रोड बनाया गया हैं जिससे आप अपनी गाड़ी मंदिर तक ले जा सकते हैं। लेकिन गाड़ी चलते समय गाड़ी पर विशेष ध्यान रखें क्योंकि यहाँ पर रोड के दोनों तरफ ऊँची-ऊँची खाई कटी हुईं हैं।
सीताराम चरण महाराज
सीताराम चरण महाराज के बारे में अपने तो सुना ही होगा जिन्होंने सिहोरा में अभी गर्मी के समय में विश्व शांति महायज्ञ करवाया था। कटाव धाम में मेले के समय में महाराज जी यहाँ पर आते हैं। जिस समय सभी श्रद्धालुयों को सीताराम चरण महाराज के दर्शन की प्रतीक्षा रहती हैं।
पंचमुखी हनुमान मंदिर, कटाव धाम मझौली जबलपुर
कटाव धाम में घुमने और देखने के लिए अन्य स्थान एवं मंदिर
कटाव का झरना, कटाव का डैम, पठरा वाले महाराज का मंदिर, मोनी बाबा आश्रम मंदिर, रजक समाज की धर्मशाला, शंकर जी मंदिर, पर्वती जी मंदिर, हनुमान जी मंदिर, संत समाधि, श्रीपाल समाज की धर्मशाला, झारिया समाज धर्मशाला, शंकर जी बड़ा मंदिर, जंगली दादा की समाधि, शीतला माता मंदिर, संगम घाट, फलको नाला कटाव धाम मझौली जबलपुर।
वेदांती आश्रम, कटाव धाम मझौली जबलपुर
शनि मंदिर, कटाव धाम मझौली जबलपुर, कटाव का मेला जो 26 जनवरी सात दिवसीय मेला, कटाव धाम मझौली जबलपुर, निशुल्क चित्रकूट नेत्र शिविर, कटाव धाम मझौली जबलपुर, हर माह की 8 तारीख को चित्रकूट नेत्र शिविर का आयोजन होता हैं ।
लेखक का नजरिया
आप में से वहुत से लोग कई बार कटाव धाम मझौली जबलपुर, मध्य प्रदेश घुमने को गए होगें , परन्तु शायद आप में से ज्यादातर लोंगो ने कटाव के पहाड़ जिसका एक चेहरा भी हैं, शायद आप लोंगों ने कभी न देखा हो, जब आप कटाव के मोड़ से सामने की तरफ वाली पहाड़ी को देखेंगे तो आपकों एक वहुत ही बड़े आकर का एक चेहरा दिखेगा।
शायद ही आपने इससे विशाल आकृति का चेहरा और वो भी एक पर्वत का देखा हो, हम आशा करतें हैं की अब आप जब भी कटाव धाम घुमने जयेंगे तो आप भी इस चेहरे को देखेंगे और शायद एक शेल्फी भी लें।
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