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बाहरी आक्रांताओं द्वारा किये गए अपक्रत्यों का जीता जागता उदहारण है मध्यप्रदेश में स्थित यह मंदिर

64 Yogni Mandir Jabalpur

64 Yogni Mandir Jabalpur : चौसठ योगिनी मंदिर: दसवीं शताब्दी से पहले का, यह सातवीं शताब्दी के बाद तांत्रिक पूजा के उदय से जुड़ी गूढ़ देवियों या देवियों को समर्पित है। यह 64 योगनी मंदिर मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में स्थित एक अचम्भित कर देने वाला मंदिर है यह मंदिर भगवान शिव और माता गौरी को समर्पित है। इस मंदिर में 64 योगनियों की मूर्यतियाँ भी स्थापित हैं यह पूरा मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है। यह मंदिर वृताकार है जिसके अंदर एक बहुत ही सुंदर मंदिर बना है।

यदि हम भारत देश के इतिहास के पन्नो को पलट कर देखे तो यहाँ पर बहुत सारे आक्रमणकारियों द्वारा किये गए आक्रमण का जिक्र जरुर मिलेगा। इन बाहरी आक्रमणकारी ने हिन्दुस्तान में बहुत लूटपाट की व यहाँ के मंदिरों में तोड़ फोड़ कर यहाँ की मूर्तियों को खंडित किया। इनके द्वारा किये गए कृत्यों के बहुत से उद्हारण भारतवर्ष में अलग अलग स्थानों में देखने को मिल जायेगें।

जैसे तिग्वा का कंकाली मंदिर (Tigwa Kankali Mandir), विष्णु वराह मंदिर मझौली (Vishnu Varah Mandir) , 64 योगनी मंदिर (64 Yogni Mandir Jabalpur)।

64 योगनी मंदिर जबलपुर (64 Yogni Mandir Jabalpur)

मंदिर इस बात का उदहारण है की बाहरी आक्रंताओ के मन में उपजी सुन्दरता के विरूद्ध उपजी क्रूरता ने सब कलाकृतियों को खंडित किया है देख कर मन आक्रोश से भर जाता है। और यह सोचने पर विवश करता है की इस्लाम में दुर्दांत डाकुओं की क्रूरता पत्थरों में इतनी सघनता से दिखती है तब कल्पना करे की साधारण आदमी के साथ कैसा व्यवहार करते रहे होंगे।

संरक्षित स्मारक

यह स्मारक प्राचीन एवं पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम 1958 के अधीन राष्ट्रीय महत्त्व का घोषित किया गया है। तथा प्राचीन स्मारक एवं पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम 2010 के अधीन, यदि कोई इस स्मारक को क्षति पहुंचाता है, नष्ट करता है। तो उसे इस अपकृत्य के लिए 3 साल तक कारावास या 5000 तक जुर्माना अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है।

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