Shivpuri : शिवपुरी मध्यप्रदेश के पवित्र स्थानों और प्राचीन नगरों में से एक हैं जो प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक धरोहर से भरा हुआ शहरहै। अपनी गौरवशाली ऐतिहासिक विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए मशहूर, यहाँ की मिट्टी राजा-महाराजाओं की वीरतापूर्ण कहानियों से भरी हुई है। इसका पुराना नाम सिपरी था, जो किसी समय सिंधिया शासकों की ग्रीष्मकालीन राजधानी हुआ करती थी। हिन्दू पौराणिक ग्रंथों के अनुसार माना जाता हैं, इस शहर का यह नाम भगवान् शिव के नाम पर रखा गया, क्योंकि यह शहर भागवान शिव का पुर जिसे शहर कहतें है, हुआ करता था।
शिवपुरी की भूमि ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के के समय भी अपना योगदान दिया है। 1859 में, यहाँ ही तात्या टोपे को फाँसी दी गई थी, जिनकी वीरता ने देश को एक महान प्रेरणा ऐतिहासिक विरासत प्रदान किया। यहाँ पर बहुत ही घाना जंगल हैं, एक समय पर शाही शिकार के मैदान हुआ करते थे। यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य बिलकुल एक पैण्टिंग की तरह है। साथ ही शिवपुरी घुमने की महत्वपूर्ण जगहों में माधव नेशनल पार्क जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं और शिवपुरी में तीन झीलें (चंदपाठा झील, जाधव शामिल, सागर झील) हैं, जिस कारण आज मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में गिना जाता है।
शिवपुरी जिला मध्य प्रदेश का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में एक है। शिवपुरी जिले में दो मुख्य मार्ग गुजरतें हैं जो NH-3 और NH-25 हैं जिसके कारण ग्वालियर और झांसी के साथ शिवपुरी जिले का अच्छी कनेक्टिविटी होने के कारण इस शहर में पर्यटकों के लिए आना आसान हो जाता हैं।
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शिवपुरी के आसपास के वहुत से महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल
- माधव नेशनल पार्क,
- ओरछा,
- चंदेरी
- छत्री,
- जॉर्ज कैसल
- जाधव सागर झील
- चांदपाटा झील
- माधव विलास महल,
- माधव सागर झील,
- बाणगंगा,
- पनिहार,
- करेरा पक्षी अभयारण्य,
- साख्य सागर झील,
- भदैया कुण्ड,
माधव नेशनल पार्क (Shivpuri)
माधव राष्ट्रीय उद्यान ( माधव नेशनल पार्क) शिवपुरी शहर के पास स्थित है, जो विंध्य पहाड़ियों का हिस्सा है। माधव नेशनल पार्क पहले ग्वालियर के महाराजाओं और मुगल बादशाहों का शिकारगाह था। इस पार्क को सन 1958 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला। पार्क के लिए मुख्य दो प्रवेश मार्ग हैं।
पहला मार्ग NH-25 जो झाँसी रोड पर स्थित है, जो शिवपुरी शहर से लगभग 5 किमी दूर है, जबकि दूसरा मार्ग NH-3 आगरा-मुंबई रोड पर शिवपुरी से ग्वालियर की ओर 7 किमी की दूरी पर स्थित है। पार्क के अन्दर झीलों, जंगलों और घास के मैदानों से युक्त एक विविध पारिस्थितिकी तंत्र मौजूद हैं जो प्रकृति के अनुपम उपहार में हमें मिला है।
पार्क के अंदर में नीलगाय, चिंकारा और चौसिंगा और हिरण जैसे चीतल, सांभर और मृग रहते हैं। साथ ही तेंदुए, भेड़िया, सियार, लोमड़ी, जंगली कुत्ता, जंगली सुअर, साही, अजगर आदि जानवर भी आपकों पार्क के अंदर देखने को मिल जायेंगे। और पढ़ें…
ओरछा
ऐतिहासिक शहर ओरछा मध्य प्रदेश के निवाड़ी ज़िले में स्थित एक है । इसकी स्थापना 16वीं शताब्दी में बुंदेला राजपूत प्रमुख रुद्र प्रताप सिंह ने की थी। ओरछा, बुंदेलखंड क्षेत्र में बेतवा नदी के किनारे बसा हुआ है।
ओरछा में स्थित भगवान श्रीराम का मंदिर, पूरे देश में एकमात्र ऐसा मंदिर है। यहां भगवान राम को भगवान और राजा, दोनों रूपों में पूजा जाता है।
ऐतिहासिक तथ्यों के मुताबिक, ओरछा के बुंदेला शासक मधुकरशाह की महारानी कुंवरि गणेश, अयोध्या से भगवान राम को ओरछा ले आई थीं। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, ओरछा के शासक मधुकरशाह कृष्ण भक्त थे, जबकि उनकी महारानी कुंवरि गणेश, राम उपासक थीं। और पढ़ें…
चंदेरी
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छत्री
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शिवपुरी को सुशोभित करती छत्री, वहुत ही सुंदर और जटिल रूप से अलंकृत संग मरमर से निर्मित छत्रियों के लिए प्रसिद्ध है शिवपुरी। सिंधिया शासकों द्वारा निर्मित है शिवपुरी की सुन्दर छत्री। छत्रियाँ एक विस्तृत श्रंखला में मुगल गार्डन में स्थापित हैं।
शिवपुरी की छत्री सिंधिया शासकों को समर्पित हैं। इनमें से एक छत्री जो माधव राव सिंधिया की है और दूसरी छत्री उनकी मां महारानी सख्या राजे सिंधिया की। छत्रियां मुगल मंडप के साथ हिंदू और इस्लामी वास्तुकला शैलियों का शानदार संलयन का नमूना हैं। और पढ़ें…
जॉर्ज कैसल
शिवपुरी जिले में माधव नेशनल पार्क के अंदर मन को मोह लेने वाला जॉर्ज कैसल बना हुआ है।जॉर्ज कैसल महल का निर्माण सन 1911 में ग्वालियर के तत्कालीन सिंधिया राजा द्वारा इंग्लैंड के किंग जॉर्ज पंचम के लिए एक रात रुकने के लिए बनाया गया था। जो भारत में बाघों के शिकार के लिए और जंगल की यात्रा करने यहाँ आये थे। और पढ़ें…
जाधव सागर झील
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चांदपाटा झील
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माधव सागर झील
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“धर्मेंद्र सिंह आर्यन गो में सीनियर डिजिटल कंटेंट राइटर कार्यरत है। उम्र 35 साल है, शैक्षिणिक योग्यता दर्शनशास्त्र में एम.फिल है, मुझे किताबें पढ़ने, लेखन और यात्रा करने का शौक है, मेरा आहार शुद्ध शाकाहारी भोजन है। मुझे भारत के छिपे हुए पर्यटक स्थलों की खोज करने और उन पर लेख लिखने का गहरा जुनून है।
पिछले 18 वर्षों से, मैंने एक ट्रैवल गाइड के रूप में अमूल्य अनुभव एकत्र किए हैं, जिन्हें मैं अब अपने ब्लॉग के माध्यम से गर्व से साझा करता हूं। मेरा लक्ष्य आपको भारत के सबसे आकर्षक यात्रा स्थलों के बारे में आकर्षक और व्यावहारिक जानकारी प्रदान करना है, साथ ही अन्य उपयोगी ज्ञान जो आपकी यात्रा को बेहतर बनाता है।
मैंने एक ब्लॉगर, YouTuber और डिजिटल मार्केटर के रूप में अपनी भूमिकाएँ निभाई हैं। मैं प्रकृति की गोद में बसे एक छोटे से गाँव में अपने शांतिपूर्ण जीवन से प्रेरणा लेता हूँ। मेरी यात्रा दृढ़ता और समर्पण की रही है, क्योंकि मैंने अपने सपनों को वास्तविकता में बदलने के लिए कड़ी मेहनत की है। अपने ब्लॉग के माध्यम से, मैं अपने द्वारा अर्जित ज्ञान को साझा करना चाहता हूँ और दूसरों को रोमांचकारी यात्रा करने के लिए प्रेरित करना चाहता हूँ।“