Shankar Gadh Indrana : शंकरगढ़ ,मतलब भगवान शिव का धाम. शिव को हम अनादी कहते है .क्युकी शिव का न तो प्रारंभ पता है न ही अंत हैं शिव तो अनंत है. जैसा की आप सब जानते ही होंगे की शिव कैलाश पर्वत पर माता पार्वती और अपने गणों के साथ कैलाश पर्वत पर निवास करते है।
शंकर गढ़ धाम इन्द्राना
शंकर गढ़ एक बहुत ही पवित्र स्थान, जहां पर शिव का बास है। यह एक धार्मिक और पवित्र पर्यटन स्थानों में से एक है। यहां पर पहुंचकर लोग असीम शांति का अनुभव करते है।
जिसके इतिहास में सिद्ध ज्ञानी संत का वर्णन होता है। जहां हर साल वासुदेव यज्ञ होता हो। यहां पहुंच कर प्राकृतिक नजारे आपकी आंखों को एक ठंडक भरा पल देता हो।
आइए ऐसे शिव मंदिर के बारे में आपको जानकारी देता हूं जहां पर पहुंचकर आप बहुत ही अच्छा महसूस करेंगे।
शंकर गढ़ धाम में भगवान शिव का एक पुराना मंदिर है। यह मंदिर एक छोटी से पर्वत चोटी पर बना हुआ है इसके आस पास बड़े बड़े जंगल भी है।जो देखने में अति मनोरम लगते है। साथ ही आपको बाजू से बहती हिरन नदी का द्रश्य देखकर अच्छा लगेगा।
यह शिव मंदिर काफी पुराना है।जब हम शिव मंदिर शंकरगढ़ की ओर चलते है तो यहां पर प्रकृति अपना अनुपम रूप दिखाती है।
मंदिर तक पहुंचने के लिए 2 रास्ते है। पहला यह की आप सीढ़ी की मदद से मंदिर तक पहुंच सकते है। दूसरा रास्ता पहाड़ी पर बना ऐसा मार्ग जिसके जरिए आप अपने गाड़ी को पहाड़ी के ऊपर तक ले जा सकते है।
जब आप इस रास्ते से मंदिर की ओर बढ़ते है तो आजू बाजू में आपको हरियाली ही हरियाली देखने को मिलेगी। जैसे ही आप पहाड़ी पर पहुंचेंगे तो आपको मंदिर का स्वागत द्वार दिखेगा। जो देखने में बहुत सुंदर लगता है। जब आप मुख्य द्वार से अंदर जाते है तो आपको 3,4 मंदिर दिखेंगे। जो अलग अलग देवी देवताओं को समर्पित है।
जैसे
- माता मनसा देवी मंदिर
- श्री शनि देव मंदिर
- सिद्ध बाबा मंदिर
यहां पर एक बहुत बड़ी श्री हनुमान जी की मूर्ति बनी हुई है जो देखने में बहुत ही सुंदर लगती है। मुख्य मंदिर के अंदर शिवलिंग माता पार्वती और श्री गणेश तथा श्री कार्तिकेय के साथ विराजमान है। शिवलिंग के सामने श्री नंदी महाराज भी बैठें हुए है। मंदिर के अंदर बहुत सी शिवलिंग चारों ओर स्थापित है।
इस मंदिर के बाहर चारो ओर नवग्रह की स्थापना की गई है। और मंदिर के शिखर पर भगवान शिव की ध्यानमग्न प्रतिमा स्थापित है। यहां स्थापित शिवलिंग हर किसी की मनोकमना की पूर्ति करते है। इस कारण से इन्हे मनोकामना पूर्ति शिवलिंग के नाम से जानते है।
इस मंदिर के चारों ओर आपको हरियाली ही हरियाली देखने को मिलती है।जो आपको अति मनभावन लगेगा। पहाड़ की चोटी से देखने पर प्रकृति के अनुपम रूप का दृश्य देखने को मिल जाता है। जो मन और आंखों को असीम शांति का अनुभव कराता है। यहां से एक नदी भी दिखाई देती है जो अपने प्रवाह में बहती हुई चली जा रही है।
यहां अन्य मंदिर भी है
मनसा देवी माता का मंदिर
इसी पहाड़ी पर एक मंदिर बना हुआ है ।इस मंदिर में माता मनसा देवी अपने अनुपम रूप में विद्यमान है,और अपने भक्तो की मनोकामना पूर्ण करती है। यह एक छोटा सा मंदिर है लेकिन देखने में बहुत ही सुंदर लगता है
श्री शनि देव मंदिर
यहां पर भगवान शनि देवी की मूर्ति विराजमान है। जो अपने भक्तो का कष्ट हरते है।
सिद्ध बाबा मंदिर
यहां पर सिद्ध बाबा का मंदिर भी बना हुआ है। इसमें सिद्ध बाबा की मूर्ति स्थापित है। साथ ही बाबा के मंदिर में चमीटा और खड़ाऊ रखी हुई हैं।
माता मनसा देवी मंदिर के बाजू से एक रास्ता नीचे की ओर गया है। नीचे जाते वक्त बीच में एक भव्यतापूर्ण हनुमान मंदिर बना हुआ है। जहां पर श्री बजरंगवली जी की मूर्ति स्थापित है। इस मंदिर के बाजू में एक बड़ा चबूतरा बना हुआ है। जिसमे शिवलिंग स्थापित है।
अक्सर त्यौंहारों पर लोग यहां पर भंडारा करवाते है। बहुत से लोग यहां पर पिकनिक मनाने के लिए भी आते है। गक्कड़ भर्ता खाने आते है। चूंकि यह मेरे ही गांव में है तो अक्सर इस जगह पर हम लोग जाते है। अपना समय बिताते है।
इस पहाड़ी के पास और नीचे की ओर और भी बहुत सारे पवित्र दर्शनीय स्थान मौजूद है। जैसे
- राम जानकी मंदिर
- जानकी मंदिर
- अभयानंद मंदिर
- भगवान शिव मंदिर
- राधा कृष्ण मंदिर
- यज्ञशाला
- जीविका आश्रम इन्द्राना
- बर्राधाम इन्द्राना
- मनका गुफा
- सिद्ध धाम
- खेर माई
- शामू घाट
- मनका आश्रम
यहां पर हर बसंत पंचमी के समय पर मेला लगता है। साथ ही यहां भागवत पुराण होती है। साथ ही रात के समय रामलीला का मंचन भी किया जाता है।
इसके अलावा यहां पर एक जीविका आश्रम भी बना हुआ है। जहा पर बहुत सी कलाकृतियों को एकत्रित किया गया है। यहां पर बहुत से कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है। जैसे लोकनृत्य आदि।
इसके बाजू में एक हनुमान मंदिर बना हुआ है।जिसे बर्रा धाम कहते है यह एक पूरा बगीचा बहुत ही मनमोहन प्रतीत होता है। यहां पर बहुत सारे बंदर भी है। यहां पर भी त्यौहारों के समय काफी भीड़ रहती है।
यहां आस पास पूरा जंगल ही जंगल हैं। यह जंगल मानो इन जगहों के लिए पृथ्वी पर रखा चांद समान प्रतीत होते है। जो यहां की खूबसूरती को बढ़ाते है।
कैसे पहुंचे
यह शंकरगढ़ धाम मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले के एक विकाससील गांव इंद्राना में है। यहां पहुंचने के लिए आपको 2 मार्ग मिल जाते है। यदि आप जबलपुर से यहां आते है तो मझौली रोड में जबलपुर से तकरीबन 30km की दूरी पर इंद्राणा गांव पड़ता है।
इसके अलावा आप दमोह जबलपुर रोड से आते है तो मुर्रई नाम का एक छोटा सा गांव पड़ेगा जहां से अंदर की ओर 10km आने पर यह शंकर गढ़ धाम पड़ता है
ठहरने या खाने की व्यवस्था
इंद्राना गांव में अच्छा मार्केट बना हुआ है। यहां पर आपको खाने से लेकर हर प्रकार की चीज आराम से मिल जाती है।
लेकिन यहां पर आपको कोई रिसॉर्ट की सुविधा नहीं मिल सकती। इसके लिए आपको यहां एक समय सीमा तय करके ही आना होगा।
निकटवर्ती पर्यटन स्थान
“धर्मेंद्र सिंह आर्यन गो में सीनियर डिजिटल कंटेंट राइटर कार्यरत है। उम्र 35 साल है, शैक्षिणिक योग्यता दर्शनशास्त्र में एम.फिल है, मुझे किताबें पढ़ने, लेखन और यात्रा करने का शौक है, मेरा आहार शुद्ध शाकाहारी भोजन है। मुझे भारत के छिपे हुए पर्यटक स्थलों की खोज करने और उन पर लेख लिखने का गहरा जुनून है।
पिछले 18 वर्षों से, मैंने एक ट्रैवल गाइड के रूप में अमूल्य अनुभव एकत्र किए हैं, जिन्हें मैं अब अपने ब्लॉग के माध्यम से गर्व से साझा करता हूं। मेरा लक्ष्य आपको भारत के सबसे आकर्षक यात्रा स्थलों के बारे में आकर्षक और व्यावहारिक जानकारी प्रदान करना है, साथ ही अन्य उपयोगी ज्ञान जो आपकी यात्रा को बेहतर बनाता है।
मैंने एक ब्लॉगर, YouTuber और डिजिटल मार्केटर के रूप में अपनी भूमिकाएँ निभाई हैं। मैं प्रकृति की गोद में बसे एक छोटे से गाँव में अपने शांतिपूर्ण जीवन से प्रेरणा लेता हूँ। मेरी यात्रा दृढ़ता और समर्पण की रही है, क्योंकि मैंने अपने सपनों को वास्तविकता में बदलने के लिए कड़ी मेहनत की है। अपने ब्लॉग के माध्यम से, मैं अपने द्वारा अर्जित ज्ञान को साझा करना चाहता हूँ और दूसरों को रोमांचकारी यात्रा करने के लिए प्रेरित करना चाहता हूँ।“
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