संस्कारधानी जबलपुर में बहुत सारे पर्यटन क्षेत्र है जो बहुत ही सुंदर हैं। जिनमे कुछ स्थान धार्मिक और एतिहासिक महत्त्व रखते हैं। इस लेख में आपको जबलपुर में स्थित स्वयं सिद्ध बालाजी के मंदिर के बारे में जानकारी मिलेगी। यह मंदिर बहुत ही आलौकिक और दिव्यता से भरा हुआ है।
मध्यप्रदेश के जबलपुर नगर में स्थित यह पाटबाबा मंदिर(Paatbaba mandir Jabalpur) बहुत ही सुंदर और दिव्य है। इस मंदिर के चारों और बहुत ही सकारात्मकता को महसूस किया जा सकता है।और इस मंदिर के सम्पूर्ण क्षेत्र में आप शांति से बैठकर मनन , चिंतन आदि कर सकते हैं।
यह पाटबाबा मंदिर जबलपुर के डुमना नेचर रिज़र्व के अंदर आता है। यह एक पहाड़ी पर स्थित हैं। यह मंदिर भगवान श्री हनुमान जी को समर्पित है। यह स्वयं सिद्द प्रतिमा हैं इस मंदिर की स्थापना अंग्रेजी शासनकाल के दौरान हुआ था। इसी मंदिर में प्रभु श्री राम ,माता सीता और श्री लक्षमण के साथ विराजमान हैं। यहाँ पर अन्य मंदिर भी मौजूद है जो भगवान शिव और माता जगत्जननी को समर्पित हैं।
पाटबाबा का इतिहास (History Of Paatbaba)
श्री पाटबाबा जी की दिव्य एवं अलौकिक प्रतिमा का प्राकट्य गन कैरिज फैक्ट्री जबलपुर में, 1930 में हुआ, जो की अपने आप में एक विस्मयकारी और चमत्कारिक घटना हैं।
पाटबाबा के मंदिर के पास अन्य पर्यटक क्षेत्र जैसे डुमना नेचर पार्क मौजूद हैं।