अजयगढ़ का किला खजुराहो से 80 किमी दूर है। चंदेल शासन के आधे काल के दौरान यह किला बहुत महत्वपूर्ण था। यह किला विंध्य पहाड़ियों की चोटी पर स्थित है। किले में दो प्रवेश द्वार हैं। किले के उत्तर में एक द्वार और दक्षिण-पूर्व में थरौनी द्वार है। दरवाजों तक पहुंचने में 45 मिनट की खड़ी चट्टान पर चढ़ना पड़ता है।
किले के बीच में अजय पालका तालाब नाम की एक झील है। झील के अंत में जैन मंदिरों के अवशेष बिखरे पड़े हैं। झील के किनारे स्थापित कुछ प्राचीन मंदिर भी देखे जा सकते हैं। किले की मुख्य विशेषता तीन ऐसे मंदिर हैं जिन्हें अंकगणित पद्धति से सजाया गया है। भारतीय पुरातत्व विभाग ने कुछ समय पहले ही इस किले की देखभाल की जिम्मेदारी ली है।
विंध्याचल पर्वत श्रृंखला के समतल पर्वत पर स्थित अजयगढ़ का किला आज भी लोगों के लिए एक रहस्यमय और आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।