Zeilad Wildlife Sanctuary Manipur

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मणिपुर के तामेंगलोंग जिले में बसा Zeilad Wildlife Sanctuary एक अनदेखा खजाना है — जहाँ सात पवित्र झीलें, हरे-भरे पहाड़, और दुर्लभ जीवों की दुनिया है। यहाँ आपको बाघ, गिबन, उड़ती गिलहरी, हॉर्नबिल, और 15 से ज्यादा मछलियों की प्रजातियाँ एक ही जगह देखने को मिलती हैं।

Zeilad झील न सिर्फ सुंदरता का प्रतीक है, बल्कि नागा जनजातियों की पौराणिक कहानियों से भी जुड़ी है। झीलों के किनारे बैठकर आप शांति, रोमांच और संस्कृति — तीनों का आनंद ले सकते हैं। अगर आप भीड़ से दूर, असली जंगल अनुभव चाहते हैं, तो यह जगह जरूर आपकी बकेट लिस्ट में होनी चाहिए।

ज़ेलाद वन्यजीव अभयारण्य, मणिपुर: सात झीलों का अद्भुत संसार

लोकेशन व इतिहास
यह अभयारण्य मणिपुर के तामेंगलोंग जिले के इंडो–म्यांमार सीमा के समीप स्थित है, और इसकी स्थापना 1982 में की गई थी

कुल क्षेत्रफल लगभग 21 वर्ग किलोमीटर है

ज़ेलाद समूह में सात झीलें हैं—Zeilad, Guiphuapzei, Nrouzei, Tuangpuizei, Goulungzei, Napsemzei और एक अज्ञात झील। Zeilad Lake सबसे बड़ी और प्रसिद्ध है

जंगल व परिदृश्य
वन्य क्षेत्र semi‑evergreen और wet‑hill forest की बनावट में है।

ढलान वाली पहाड़ियों, झरनों और नदी घाटियों का अद्भुत दृश्य लोकेशन को और भी आकर्षक बनाता है ।

विविध वनस्पति
मुख्य रूप से Michelia champaca, Toona ciliata, Schima wallichii, Gmelina arborea, Messua ferrea, Artocarpus hirsuta, Mangifera indica, Castanopsis hystrix व कई अन्य उप-पर्वतीय पौधे मिलते हैं।

जीव-जंतु
स्तनधारी: बाघ, तेंदुआ, तेंदुए की बिल्ली, आम सिम्पाँज़ी, हास्योलॉक गिबन, सामान्य लंगूर,भौंकने वाला हिरन, उड़न गिलहरी, सर्ल, सांभर आदि ।

पक्षी: महान भारतीय हॉर्नबिल सहित कई प्रवासी व स्थायी पक्षी ।

रेप्टाइल और मरीन जीवन: झीलों में मछलियां, कछुए, अजगर पाए जाते हैं ।

बारक नदी की सहायक धाराएँ
बड़ार नदी की मुख्य सहायक नदियां—Katakhal, Jiri, Chiri, Modhura, Longai, Sonai, Rukni, Singla हैं, जो मुख्यतः वर्षा-निर्भर हैं और मानसून में जल स्तर बढ़ा देती हैं।

सांस्कृतिक महत्व
ज़ेलाद झील स्थानीय Naga जनजाति (Rongmei-Zeliangrong) के लिए धार्मिक और साहित्यिक रूप से महत्वपूर्ण है।

लोककथाओं में इसे पवित्र स्थल मानते हुए वर्णित किया गया है।

पर्यावरणीय मुद्दे और विरोध

Rongmei Naga Council और स्थानीय समुदाय तेलों व गैस की खोज के प्रयासों का विरोध कर रहे हैं, जिसमें उन्होंने कहा है कि यह पारंपरिक भूमि व जीव-जंतु संरक्षण के अधिकारों का उल्लंघन होगा।

उन्होंने Article 371(C) का उल्लेख करते हुए कहा कि वे अपनी भूमि, संस्कृति और पहचान की रक्षा करेंगे।

जानकारी
प्राकृतिक खूबसूरती सात ऊँची झीलें, पहाड़ी वन, बहुरंगी वनस्पति
वन्य जीवन बाघ, हॉर्नबिल, गिबन, प्रवासी पक्षी, अजगर, कछुए
खतरे तेल-गैस खोज से पारिस्थितिक और भूमि अधिकारों पर खतरा
संस्कृति लोककथाओं और जनजातीय पहचान से जुड़ा हुआ

क्यों ज़ेलाद चाहिए यह आपके वाइल्डलाइफ टूर लिस्ट में?
कम-भीड़ वाला डेस्टिनेशन — सुन्न पिकनिक और ट्रैकिंग अनुभव

  • बायोडायवर्सिटी हॉटस्पॉट — दुर्लभ पौधे, पक्षी, स्तनधारी और जलचर
  • संस्कृति की गहराई — स्थानीय गाथा, धर्म और पारंपरिक ज्ञान
  • पर्यावरणीय सचेत यात्रा — यहां का संरक्षण अब अनिवार्य
  • आपकी संभावित यात्रा की रूपरेखा
    सेवा उपलब्ध: स्थानीय गाइड, छोटे ट्रेक मार्ग, पक्षी-देखने की सुविधा
  • बेस्ट समय: अक्टूबर–अप्रैल, मानसून से बचें

कैसे पहुंचें: इम्फाल या तामेंगलोंग से सड़क मार्ग

विशेष टिप: पैदल यात्रा और जंगल भ्रमण के दौरान स्थानीय समुदाय से अनुमति और मार्गदर्शन लेना आवश्यक

Zeilad Wildlife Sanctuary न सिर्फ प्राकृतिक सुंदरता का स्थल है, बल्कि सांस्कृतिक और पारिस्थितिक दृष्टि से महत्वपूर्ण विरासत भी है। यहां के स्थानीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी और विरोध परिलक्षित करता है कि यह भूमि किसके लिए कितनी अनमोल है।

यदि आप जानना चाहते हैं— कैसे शामिल हों समुदाय समर्थित टूर में, ट्रैवल पैकेज, या तामेंगलोंग में अन्य गतिविधियाँ, तो जरूर बताएं, हम एक विस्तृत ट्रैवल गाइड और सहायता उपलब्ध कराएंगे।

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