घूमना फिरना हर किसी को अच्छा लगता है। लोग हमेशा ही ऐसी जगहों की तलाश करते जहां पर वह अपने मित्रों और परिजनों के साथ घूम सके। इस लेख में हम कुछ ऐसी ही जगह के बारे में बात करेंगे।
सतना जोकि मध्यप्रदेश राज्य के जिलों की सूची में शामिल है। सतना का अपना ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व है।सतना जिले में आपको बहुत सारे दर्शनीय और पर्यटन स्थान देखने और घूमने के लिए मिल जायेंगे। जो अपनी सुन्दरता और मन मोहने वाली खुबसुरत, जंगलो पहाड़ो , खुबसुरत जलप्रपातों ,धार्मिक स्थानों के साथ साथ ऐतिहासिक किले आदि के लिए प्रसिद्द है।
![Maihar ki Shrda Devi](http://aryango.com/wp-content/uploads/2022/08/Maihar-ki-Shrda-Devi-1024x536.webp)
सतना में घुमने लायक जगह
यदि आप सतना पर्यटन के नजरिये से पहुंचते है तो आपको सतना में स्थित इन दर्शनीय स्थानों में विजिट जरुर करना चाहिए।सतना जिले में घुमने के लिए निम्न स्थान है।
सतना में घूमने की जगह
- मैहर धाम – माँ शारदा देवी मंदिर
- चित्रकूट धाम
- पन्नीखोह जलप्रपात -Pannikhoh waterfall satna
- धारकुंडी आश्रम
- नागौद किला
- पारस मनिया पर्वत और झरना
- राजा बाबा जलप्रपात- Raja Baba Waterfall satna
- बीरसिंघपुर सतना
- भरहुत
- भटेश्वर नाथ मंदिर
- सतना का आल्हा उदल अखाडा
- वैष्णो देवी मंदिर सतना
- माधवगढ़ किला
- मैत्री पार्क
सतना कैसे पहुंचे ?
ट्रेन से सतना कैसे पहुंचे
वायु मार्ग
सतना के प्रसिद्द व्यंजन (खाना ) क्या है ?
FAQ- Realated satna
सतना क्यों प्रसिद्ध है?
सतना में कौन कौन से मंदिर है? - Venkatesh Temple
- Ramvan
- Bharhut Stupa
- Jagatdev Talab
- Madhavgarh Fort
- Pannilal Chowk
- Maihar Ropeway
- Chitrakoot
- Sharadha Devi Temple
चित्रकूट धाम
चित्रकूट धाम एक धार्मिक स्थान है और धर्मग्रंथो में विशेष जगह रखने वाला एक दर्शनीय और पर्यटन स्थल है। पुराणिक कथाओं और महाकाव्य (श्री राम चरित्र मानस ) के अनुशार प्रभु श्री राम अपने 14 वर्ष के वनवास काल के दौरान 11 वर्ष यहीं चित्रकूट में मंदाकनी नदी के किनारे एक छोटी सी कुटिया में निवास करते थे।
धार्मिक लोगों के लिए यह एक आस्था का केंद्र है। यहां पर हमेशा भक्तों और श्रद्धालुओं का ताँता लगा रहता है। इनके अलावा यहां पर अन्य लोग पर्यटन की द्रष्टि से यहाँ पर पहुँचते हैं। चित्रकूट में बहुत सारे सुंदर व दर्शनीय स्थान मौजूद है।
गृद्धकूटा पर्वत (Gridhkoota Parvat)
ग्रध्दराज पर्वत जिसे गिद्ध्हा पहाड़ या गिद्धों का पर्वत कहा जाता है।यह पहाड़ उत्तर दिशा में केमौर श्रंखला की पहाड़िया और दक्षिण दिशा में मैकाल पहाड़ियों से घिरा हुआ है।यह जो स्थान है इस स्थान का पुरातत्व और प्राक्रतिक महत्त्व के साथ-साथ दर्शनीय स्थलों में भी विशेष महत्त्व है।इस पहाड़ी में 4 ऐसी गुफाएं हैं जिनमे शिला चित्रण जिसे रॉक पेंटिंग कहते हैं तथा मुराल पेंटिंग का चित्रण है। इन पहाड़ियों में हजारों की संख्या में गिद्ध पाए जाते है। यहाँ गिद्धों की 2 जातियाँ भारतीय गिद्ध और बंगाल का गिद्ध पाई जाती है।
यदि यहाँ की विशेषता की बात करे तो इसका प्राक्रतिक महत्त्व ही इसको दर्शनीय स्थान बनाती है। यहाँ हर वर्ष बसंत पंचमी के दिन मेला लगता है। जिसमे हजारों की संख्या में लोग आते है।
रामवन सतना
सतना शहर से लगभग 15 किलोमीटर की दुरी पर स्थित यह राम वन एक धार्मिक पर्यटन स्थल है। भगवान श्री राम वनवास काल के दौरान इस वन से भ्रमण करते हुए आंगे की ओर गए थे इस कारण से इसे रामवन के नाम से जाना जाता है। इस रामवन में छोटे बड़े मंदिर बने हुए है। इसके अलावा यहाँ और अन्य पर्यटन स्थल भी मौजूद है।
नागौद किला
नागौद का किला अभी भी बहुत ही अच्छी स्थिति मे है। यह प्रतिहार राजपूतों के गौरवशाली इतिहास का हिस्सा है। भारतीय पर्यटन निगम ने इसे पर्यटन स्थल के रूप में स्वीक्रति दी है। इसके ही अलावा इसके कुछ हिस्से में अभी भी राजपरिवार के लोग निवास करते हैं। सतना में स्थित यह एक ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है।
भटेश्वर नाथ मंदिर
भटेश्वर नाथ मंदिर , भटेश्वर नाथ को समर्पित है। यह मंदिर सतना के मुख्यालय से महज 8 किलोमीटर की दुरी पर सतना नदी के बीचों-बीच बना हुआ है। यह सतना जिले का एक बहुत ही सुंदर पर्यटन स्थल हैं। यहाँ पर हर रविवार के दिन भंडारे का आयोजन किया जाता है। यहां पर हर दिन लोगों का आना जाना लगा रहता है।