Sathyamangalam Tiger Reserve मध्यप्रदेश एक और नेशनल पार्क हैं जो अपनी प्रतिभा शाली सुन्दरता के लिए प्रशिद्ध हैं। यह सत्यमंगलम वन्यजीव अभयारण्य तमिलनाडु में स्थित इरोड जिले में मौजूद हैं, यह नीलगिरि की पहाड़ियां वाली बायोस्फीयर रिजर्व में सुंदर पश्चिमी और पूर्वी घाटों के मिलाव पर स्थित है। यह केवल तमिलनाडु में सबसे बड़ा संरक्षित क्षेत्र माना जाता है।
इस नेशनल पार्क को दक्षिण भारत में सबसे विस्तृत वन्यजीव अभयारण्य के नाम से भी जाना जाता है। जो कि चार अन्य अलग-अलग क्षेत्रों में आता हैं- मदुमलाई राष्ट्रीय उद्यान, सिगुर पठार, बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान और बिलीगिरिरंगा स्वामी मंदिर वन्यजीव अभयारण्य के सटीक स्थित हैं।
ये सभी वन्यजीव बाघ अभयारण्य के लिए 1,411 वर्ग किमी का क्षेत्र संरक्षित किया गया हैं। जो अपने लहराती हुई घटायें और पहाड़ी इलाका के लिए जाना जाता हैं, जिसकी ऊंचाई 750 मीटर और 1649 मीटर के बीच है।
सत्यमंगलम वन्यजीव अभयारण्य की स्थापना
तमिलनाडु के सत्यमंगलम वन्यजीव अभयारण्य की स्थापना 2008 में नियमित रूप से की गई थी जबकि 2011 में इसका वर्तमान क्षेत्र तक फैला हुआ था। बाघों की उच्च आबादी होने के कारण इसे सन 2013 में राज्य के चौथे टाइगर रिजर्व के रूप में घोषित कर दिया गया था।
यह अपनी प्रसिद्धता भरे माहोल का एक अलग वातावरण फैलाये हुए हैं जिस कारण यह जगह पर्यटकों को अपनी तरह ही समान रूप से रोमांचकारी अनुभव बनाता है। जिससे यह पर्यटकों का यादगार यात्रा बना देते हैं।
सत्यमंगलम वन्यजीव का वातावरण
तमिलनाडु वन्यजीव अभयारण्य एक मध्यम जलवायु का आनंद लेता है। वनस्पति के लिए पठारी क्षेत्र में हल्की और समतामूलक की जलवायु का समर्थन करता है यहाँ की मैदानी इलाकों में गर्म और शुष्क जलवायु बनी रहती है।
दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान यहां का तेज हवाओं के झोके लगते रहते हैं। ठण्डी छाया क्षेत्र में यहां की वर्षा 824 मिमी पर होती हैं। यहाँ की शुल्क जलवायु हमारे मन में अनेक परिवर्तन ला देते हैं।
इस जगह की यात्रा का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से जनवरी तक है। यहाँ की एक स्थान से दूसरे स्थान से विल्कुल भिन्नताएं हैं। क्योंकि यहाँ पर तो आना सभी की ख्वाहिशें होतीं हैं, जिनको पूरा करने के लिए यहाँ पर आते हैं।
वन्यजीवों की प्रजातियां
सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व में विभिन्न प्रकार की प्रजाति पाई जातीं है। यहां पर जाने वाली वनस्पतियों की 700 प्रजातियों में से 60 से अधिक संख्या में देखि गई हैं। यहाँ की उष्णकटिबंधीय सदाबहार, मिश्रित वन वाली पर्णपाती, अर्ध सदाबहार, शुष्क पर्णपाती और कांटेदार वाले घने वन पाये जाते हैं।
सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व क्षेत्र में 5 विभिन्न प्रकार की वनस्पति वाले पाए जाने पाये जाने का अनुमान हैं। मेयर नदी की समृद्ध जैव विविधता का एक क्षेत्र सिमित और विस्तृत हैं- साथ ही रिपेरियान वाले वन भी पनपते हैं।
कोन-कोन से वन्यजीव देखे जा चुके हैं
उल्लेखनीय प्रजातियों में यहाँ पर ये सभी जानवर देखे जा चुके हैं जैसे- सुस्त भालू, सिवेट, लकड़बग्घा, नेवला, पतला लोरिस, चार सींग वाला मृग, जंगली सूअर, सियार, भारतीय पैंगोलिन, ऊदबिलाव, काला हिरन, भौंकने वाला हिरण, सांभर, माउस हिरण, साही, जंगली बिल्ली, चित्तीदार हिरण भी शामिल हैं।
वन जीवों में कुछ दुर्लभ पक्षियों में शामिल हैं, जैसे की- सफेद पीठ वाला गिद्ध, संकटग्रस्त जिप्स, कठफोड़वा, ब्राउन फिश उल्लू आदि पक्षियों की प्रजाति भी देखि जा चुकी हैं।
सत्यमंगलम वन्यजीव में घुमने कब जायें
सत्यमंगलम वन्यजीव में घुमने का सबसे अच्छा समय फरवरी से लेकर अगस्त तक के महीने में आप सुबह 6 बजे से सुबह 9 बजे तक और दोपहर 3 बजे से जानवरों को सीधे देखने में शामिल होंगे। जो यहां के खास और प्रमुख जानवरों को आसानी से देख सकते हैं जो अपने बच्चों की रक्षा करते हुए भी शिकार करने में भी माहिर होते हैं।
“धर्मेंद्र सिंह आर्यन गो में सीनियर डिजिटल कंटेंट राइटर कार्यरत है। उम्र 35 साल है, शैक्षिणिक योग्यता दर्शनशास्त्र में एम.फिल है, मुझे किताबें पढ़ने, लेखन और यात्रा करने का शौक है, मेरा आहार शुद्ध शाकाहारी भोजन है। मुझे भारत के छिपे हुए पर्यटक स्थलों की खोज करने और उन पर लेख लिखने का गहरा जुनून है।
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