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The Great Buddha Stupa at Sanchi 2024 :

Sanchi Buddha Stupa

Sanchi : सांची बौद्ध स्तूप भारत के सांची में स्थित एक बौद्ध मंदिर है। यह दुनिया के सबसे पुराने बौद्ध स्तूपों में से एक माना जाता है, और इसे भारत के सबसे महत्वपूर्ण बौद्ध स्मारकों में से एक माना जाता है। स्तूप तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में मौर्य काल के दौरान बनाया गया था, और बाद में दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में शुंग वंश द्वारा इसका विस्तार किया गया था। ऐसा कहा जाता है कि इसमें बुद्ध के अवशेष हैं, जो तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व के दौरान स्तूप के अंदर रखे गए थे।

स्तूप चार बड़े द्वारों के साथ एक बाड़े से घिरा हुआ है; इन प्रवेश द्वारों के प्रवेश द्वार शेरों, बैलों और हाथियों की मूर्तियों से सुशोभित हैं। स्तूप बहुत अधिक पुरातात्विक शोध का विषय रहा है, और सदियों से कई बार इसका जीर्णोद्धार किया गया है।

The Great Stupa at Sanchi

भारत देश में बहुत से दर्शनीय स्थल मौजूद है जो अपनी बनावट, सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के कारण दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यह लोगों को अपनी ओर इस कदर आकर्षित करते हैं कि मानो लोगों का इनसे कोई जुड़ाव जुड़ा हो। ऐसे ही भारत के राज्य मध्य प्रदेश के जिले रायसेन में एक छोटा सा गांव सांची मौजूद है जो प्राचीन स्मारकों के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर आपको बौद्ध स्तूप और उनमें उकेरी गई कलाकृति विशेष रूप से आकर्षित करेगी।

सांची बौद्ध स्तूप एक छोटे से गांव सांची (Sanchi) में मौजूद मध्य प्रदेश के जिले रायसेन में सांची स्तूप भोपाल से 40 किलोमीटर की दूरी पर पूर्वोत्तर में स्थित है और देश नगर से तब विदिशा से इसकी दूरी 10 किलोमीटर है बेतवा नदी के किनारे बसा हुआ है

सांची में बहुत सारे छोटे बड़े स्तूप मौजूद है इनमें बहुत सारी तरह करती हो कि कहां पर पौधे मालिक मौजूद है तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व शताब्दी के बीच के काल के हैं इसके परिसर में बहुत सारे स्तूप मौजूद है यहां पर आपको चारों और हरियाली देखने को मिलेगी सबसे बड़े हुए हैं यहां पर गुप्तकालीन पास आज भी मौजूद है जो प्रेम विश्वास और शांति का प्रतीक माना जाता है

सम्राट विक्रमादित्य द्वारा बनाया गया “रत्नसागर” रायसेन किला

Sanchi Boudh Stoop
Sanchi Boudh Stoop

मध्य प्रदेश के विदिशा में स्थित एक महत्वपूर्ण बौद्ध संरचना यह भारत की सबसे पुरानी पत्थर संरचनाओं में से एक और बौद्ध वास्तुकला का एक प्रमुख उदाहरण दर्शाता है।

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