जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व उतराखंड में कई राजसी पहचान वाले जानवरों जैसे रॉयल बंगाल टाइगर, एशियाई हाथी, सरीसृप, पक्षियों और कई अन्य जंगली जानवरों के लिए एक आदर्श घर के रूप में आज भी अनकूल है। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व ने अपने विविध वन्य जीवन और लुभावनी परिदृश्य के साथ कई लोगों की दिल पर कब्जा कर लिया है।
जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व क्षेत्र की प्राकृतिक विशिष्टता को बहुत पहले ही पहचान कर लिया गया था। जिसके परिणामस्वरूप 1936 में जिम कॉर्बेट ने मुख्य भूमि एशिया एवं भारत में स्थापित होने वाला पहला राष्ट्रीय उद्यान बनने का गौरव प्राप्त किया।
जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व पार्क को तब ‘हैली नेशनल पार्क’ के रूप में नामित किया गया था और बाद में इसका नाम जेम्स एडवर्ड कॉर्बेट के नाम पर ‘कॉर्बेट नेशनल पार्क’ रखा गया था, जो क्षेत्र के प्रसिद्ध शिकारी संरक्षणवादी थे। यह क्षेत्र 1971 में ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के अंतर्गत आया जब भारत सरकार ने इस महत्वाकांक्षी संरक्षण परियोजना की शुरुआत की।
मूल रूप से घोषित राष्ट्रीय उद्यान में क्षेत्रों को जोड़ने के बाद आज, टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 1288.31 वर्ग किलोमीटर है जो उत्तराखंड के तीन जिलों पौड़ी, नैनीताल और अल्मोड़ा में फैला हुआ है। कॉर्बेट नेशनल पार्क 521 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है।
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