Buxa Tiger Reserve बक्सा रिजर्व डोलोमाइट खनन के लिए भी जाना जाता हैं बक्सा को सन 1983 में बाघ अभयारण्य के रूप में घोषित किया गया था और इसे सन 1992 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा प्राप्त हुआ। यह असम-भूटान की सीमा में स्थित हैं, जो उत्तर बंगाल का सबसे बड़ा जंगल है। बक्सा टाईगर रिजर्व का क्षेत्रफल 745 वर्ग किमी तक फैला हुआ है।
बक्सा रिजर्व में अधिकतर हाथियों की संख्या अधिक हैं, भारतीय तेंदुआ, हिरणों की कई और अनेक प्रजातियाँ छोटे स्तनधारी जीव, पक्षियों और सरीसृपों की अ गिनत प्रजातियां मौजूद हैं। इसमें दुर्लभ औषधीय वाले पौधों का विपुल भंडार हैं। बक्सा रिजर्व जैव विविधता से समृद्ध है।
बक्सा उत्तर बंगाल की सबसे पुरानी बस्तियों में से एक है। यह अलीपुर द्वार से 25 किमी और सिलीगुड़ी से 180 किमी दूरी पर स्थित है, जो मोटर वाहन योग्य सड़कों और रेलवे यात्रा दोनों को अच्छी तरह से जोड़ता हुआ निकल जाता हैं। दुर्गम भू-भाग के कारण सिंचुला रेंज में बक्सा पहाड़ियों के कुछ हिस्से अभी भी अनछुए हैं, जिनको छूना खतरे का कारण बन सकता हैं।
बक्सा टाईगर रिजर्व
बक्सा रिजर्व का बाघ एक मायावी जानवर है, क्योंकि यह चुपके से हमला करता हैं। इस विशाल जंगल को बक्सा टाइगर रिजर्व के नाम से जाना जाता है, यहां पर अक्शर टाईगर देखने का प्रमाण मिलता हैं यहां के स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा बाघ देखने का अनुमान हैं।
यहां के आस–पास के गावं के लोगों का मानना है कि पड़ोसी भूटान के जंगलों में भी बाघों की संख्या अधिक हैं, जो अक्सर बक्सा रिजर्व में आते रहते हैं लेकिन वर्तमान में बक्सा रिजर्व के जंगलों में एक भी बाघ मौजूद नहीं है। जबकि वन विभाग इस बात को मानने से इंकार कर रहा है।