Maihar: मैहर घुमने की जगह

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Maihar: मैहर एक प्रमुख हिंदू तीर्थ स्थल व धार्मिक नगरी पहले से ही रही हैं, सतना जिले से अलग होने के बाद रीवा संभाग का छठा ज़िला और मध्य प्रदेश का 55वां ज़िला के रूप में अस्तित्व में आया हैं। मैहर का क्षेत्रफल 2,722.79 वर्ग किलोमीटर है, जिसे माता शारदा देवी का पवित्र धाम माना जाता है। मैहर में विश्वप्रसिद्ध माता शारदा मंदिर, त्रिकूट पर्वत की चोटी पर स्थित शारदा माता का यह मंदिर अपने धार्मिक महत्व और प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर है।

आसपास के दर्शनीय स्थल

जब भी आप शारदा माता का मंदिर मैहर की यात्रा पर आये तो मैहर की इन जगहों को भी देख सकतें हैं। हर जगह अपनी अनूठी पहचान और आकर्षण रखती है, जो आपकी यात्रा को और भी खास बनाएगी। मैहर मंदिर की यात्रा के दौरान इन आसपास के स्थानों का भी भ्रमण किया जा सकता है।

शारदा माता का मंदिर मैहर

यह मंदिर विंध्य क्षेत्र में 555 फीट ऊँचे त्रिकूट पर्वत पर स्थित है। इस धार्मिक स्थल की विशेषता यह है कि यह माता शारदा का एकमात्र मंदिर है और हर साल यहाँ हजारों भक्त दर्शन करने आते हैं। यहाँ तक पहुँचने के लिए सीढ़ियों की लंबी श्रृंखला बनाई गई है, लेकिन भक्तों के लिए सुविधा के तौर पर रोपवे की भी व्यवस्था है, जिससे माता के दर्शन आसान हो जाते हैं। मंदिर परिसर में अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियाँ भी स्थापित हैं, जिन्हें श्रद्धालु पूजते हैं।

त्रिकूट पर्वत से चारों ओर फैले पहाड़ों का नजारा इस मंदिर की यात्रा को और भी दिव्य बना देता है। धार्मिक मान्यता में कहा जाता है कि माता सती के अंग जहाँ-जहाँ गिरे, वहाँ शक्तिपीठ स्थापित हुए। मैहर का शारदा मंदिर उन 51 शक्तिपीठों में से एक है, जहाँ मान्यता है कि सती का हार गिरा था। इस वजह से यह स्थल विशेष धार्मिक महत्व रखता है और भक्तों के लिए असीम श्रद्धा का केंद्र है। और पढ़ें…

नीलकंठ मंदिर और आश्रम मैहर

मैहर से करीब 16-17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नीलकंठ मंदिर और आश्रम एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है। यह भगवान राधे-कृष्ण को समर्पित है और यहाँ नीलकंठ महाराज ने तपस्या की थी। बारिश के मौसम में यहाँ झरने बहते हैं, जो इस स्थान की सुंदरता को बढ़ाते हैं।

आल्हा-उदल तलैया और अखाड़ा मैहर

त्रिकूट पर्वत के नीचे जंगल में स्थित यह स्थल आल्हा और उदल की वीरता से जुड़ा हुआ है। यहाँ एक सुंदर तालाब है, जहाँ कमल के फूल खिलते हैं। मान्यता है कि रात में सबसे पहले आल्हा-उदल माँ शारदा की पूजा करते हैं। यह स्थान पिकनिक के लिए भी उपयुक्त है।

बड़ी खेरमाई मंदिर मैहर

बड़ी खेरमाई मंदिर को शारदा माता की बड़ी बहन का मंदिर माना जाता है। यहाँ दर्शन के बाद एक प्राचीन बावली भी देखने को मिलती है। यह स्थान भी धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है और भक्तों द्वारा यहाँ आकर पूजन किया जाता है।

ओइला मंदिर मैहर

सतना रोड पर स्थित यह मंदिर दुर्गा माँ को समर्पित है। यहाँ माँ दुर्गा, गणेश जी और शिवलिंग के दर्शन होते हैं। मंदिर में सुन्दर नक्काशी और बगीचों से घिरा वातावरण इसे विशेष बनाते हैं।

बड़ा अखाड़ा मंदिर मैहर

यह मंदिर विशाल शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है, जो मंदिर की छत पर स्थित है। मंदिर में 108 शिवलिंग हैं, जो इसे धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण बनाते हैं। मंदिर के गर्भगृह में मुख्य शिवलिंग भी स्थापित है, और साथ ही यहाँ आश्रम भी स्थित है, जहाँ छात्रों को शिक्षा दी जाती है।

केजेएस मंदिर मैहर

केजेएस फैक्ट्री में स्थित यह मंदिर दुर्गा माँ को समर्पित है और यहाँ स्फटिक शिवलिंग, गणेश जी, हनुमान जी, लक्ष्मी जी और श्रीराम जी के दर्शन होते हैं। इस मंदिर की नक्काशी और चारों ओर के बगीचे इसे आकर्षक बनाते हैं।

पन्नीखोह जलप्रपात मैहर

यह जलप्रपात जंगल के भीतर स्थित है और वर्षा ऋतु के दौरान यहाँ जाना सबसे उपयुक्त होता है। यह जलप्रपात लगभग 3-4 किलोमीटर पैदल चलने के बाद देखा जा सकता है और यहाँ का दृश्य बेहद मनमोहक होता है। और पढ़ें…

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