कुआरी पास ट्रेक (Kuari Pass Trek): गढ़वाल हिमालय की खिड़की से बर्फ़ीले पहाड़ों का नज़ारा
अगर आप हिमालय के दिल को नज़दीक से देखना चाहते हैं, तो कुआरी पास ट्रेक आपके लिए परफेक्ट है। इसे अक्सर “Lord Curzon Trail” भी कहा जाता है क्योंकि 1905 में लॉर्ड कर्ज़न ने इस रूट को प्रसिद्ध किया था।
यह ट्रेक अपनी स्नो–क्लैड पीक्स के पैनोरमिक व्यू, आसान–से–मध्यम कठिनाई स्तर और चारों मौसम की खूबसूरती के लिए जाना जाता है।
📍 कुआरी पास कहाँ है?
यह ट्रेक उत्तराखंड के चमोली ज़िले (Garhwal Himalaya) में स्थित है।
शुरुआती बिंदु: जोशीमठ (Joshimath)
ट्रेक की ऊँचाई: 12,516 फीट (3814 मीटर)
कुल दूरी: लगभग 33–35 किलोमीटर
अवधि: 5–6 दिन
🌟 कुआरी पास ट्रेक की खासियत
चौखंभा, नंदा देवी, द्रोणागिरी, कामेत और त्रिशूल जैसी 7000 मीटर से ऊँची हिमालयी चोटियों का सीधा दर्शन
हरे–भरे बुग्याल (घास के मैदान), ओक और देवदार के जंगल
बर्फ़ से ढके ट्रेल्स और ग्लेशियर व्यू
गाँवों और स्थानीय संस्कृति से जुड़ने का मौका
🗺️ ट्रेक रूट (Itinerary Highlights)
दिन 1: ऋषिकेश/हरिद्वार – जोशीमठ
बस/टैक्सी से गढ़वाल की ओर सफर। अलकनंदा और भागीरथी नदियों का संगम रास्ते में देखने को मिलता है।
दिन 2: जोशीमठ – धाक गाँव – गैलघाट
ट्रेक का शुरुआती बिंदु। पहले ही दिन गाँव और जंगलों से होकर खूबसूरत कैंप साइट।
दिन 3: गैलघाट – ताली टॉप
ओक और रोडोडेंड्रॉन के जंगलों से होकर ट्रेक। यहाँ से हिमालयी व्यूज़ शानदार दिखने लगते हैं।
दिन 4: ताली टॉप – कुआरी पास – ताली कैंप
सबसे रोमांचक दिन। 12,500 फीट की ऊँचाई पर कुआरी पास क्रॉस करना हर ट्रेकर के लिए सपनों जैसा अनुभव है।
दिन 5: ताली कैंप – जोशीमठ
सुबह सूर्योदय का दृश्य देखने के बाद वापसी।
दिन 6: जोशीमठ – ऋषिकेश/हरिद्वार
ट्रेक का समापन।
🎒 कठिनाई स्तर (Difficulty Level)
यह ट्रेक “Easy to Moderate” कैटेगरी में आता है।
Beginners के लिए उपयुक्त, लेकिन बेसिक फिटनेस और सहनशक्ति ज़रूरी है।
बर्फ़ वाले सीज़न में थोड़ी कठिनाई बढ़ जाती है।
🕒 सबसे अच्छा समय (Best Season)
मार्च–जून: वसंत ऋतु में हरे–भरे मैदान और फूलों से भरे जंगल।
सितंबर–नवंबर: साफ़ आसमान और बर्फ़ से ढके पहाड़ों का पैनोरमिक व्यू।
दिसंबर–फरवरी: विंटर ट्रेकिंग का अनोखा अनुभव – पूरा रूट बर्फ़ की चादर से ढका होता है।
🚌 वहाँ कैसे पहुँचे?
रेलवे स्टेशन: ऋषिकेश (250 किमी)
एयरपोर्ट: जॉली ग्रांट, देहरादून (270 किमी)
ऋषिकेश/हरिद्वार से टैक्सी/बस द्वारा जोशीमठ और फिर धाक गाँव तक सड़क मार्ग से पहुँचा जा सकता है।
🏞️ आस–पास घूमने लायक जगहें
औली (Auli): स्कीइंग और हॉटस्पॉट व्यू पॉइंट
नंदा देवी बायोस्फीयर रिज़र्व
ताली झील (Tali Lake)
भगवान बद्रीनाथ धाम (थोड़ा आगे जाकर दर्शन कर सकते हैं)
📸 फोटोग्राफी और अनुभव
हिमालयी पीक्स का 270° पैनोरमिक व्यू
बर्फ़ से ढके बुग्याल और जंगल
सूर्यास्त और सूर्योदय के दृश्य
कैंपिंग और बोनफ़ायर के दौरान तारों से भरा आसमान
⚠️ यात्रा टिप्स और सावधानियाँ
विंटर सीज़न में वॉटरप्रूफ शूज़ और थर्मल कपड़े ज़रूरी हैं।
पर्याप्त पानी और एनर्जी स्नैक्स साथ रखें।
लोकल गाइड और ट्रेकिंग ग्रुप के साथ ही ट्रेक करें।
प्लास्टिक–फ्री यात्रा रखें और पर्यावरण का ध्यान रखें।
🌟 रोचक तथ्य (Interesting Facts)
लॉर्ड कर्ज़न (भारत के वायसराय) ने 1905 में इस ट्रेल को खोजा, इसलिए इसे Lord Curzon Trail कहा जाता है।
यह ट्रेक आपको एक साथ बर्फ़ीले हिमालय और हरियाली से भरे बुग्याल दोनों का अनुभव देता है।
यहाँ से दिखने वाली नंदा देवी चोटी (7816 मीटर) भारत की दूसरी सबसे ऊँची चोटी है।
📌 निष्कर्ष
कुआरी पास ट्रेक हर ट्रेकर की “Must Do” लिस्ट में होना चाहिए।
यह ट्रेक आपको हिमालय की भव्यता, स्थानीय संस्कृति और प्रकृति की अनछुई सुंदरता से जोड़ देता है।
चाहे आप Beginner हों या Intermediate ट्रेकर – कुआरी पास ट्रेक आपको एक ऐसा अनुभव देगा जो जीवनभर याद रहेगा।
👉 क्या आप भी हिमालय की इस अद्भुत खिड़की से झाँकना चाहेंगे?
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कुआरी पास ट्रेक: गढ़वाल हिमालय का शानदार अनुभव | Kuari Pass Trek Guide
🎯 Meta Description
कुआरी पास ट्रेक – 12,500 फीट ऊँचाई पर गढ़वाल हिमालय की अद्भुत यात्रा। रूट, बेस्ट सीज़न, कठिनाई स्तर, यात्रा टिप्स और रोचक तथ्यों की पूरी जानकारी।
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