पन्ना राष्ट्रीय उद्यान भारत के मध्य प्रदेश राज्य में उत्तरी भाग विंध्य पर्वत श्रृंखला पर स्थित हैं। 

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पार्क बुंदेलखंड क्षेत्र पन्ना और छतरपुर जिलों में स्थित है। 

अपनी आकर्षक कलाकृतियों ऐतिहासिक मूर्तियों के लिए विश्व प्रसिद्ध खजुराहो  के पास हैं।  

यह भारत के 54 बाघ अभयारण्यों में से एक है। 

542 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला है, विस्तृत भूभाग में पठार और घाटियाँ हैं। 

केन घड़ियाल अभयारण्य भारत के 567 वन्यजीव अभयारण्य में से एक हैं ।    

पन्ना टाइगर रिजर्व में वर्तमान में 70 टाइगर (बाघ) हैं।   

सड़क मार्ग से पन्ना, खजुराहो और छतरपुर अन्य स्थानों से अच्छे सड़क नेटवर्क द्वारा जुड़ा हुआ है।

निकटतम रेलवे स्टेशन, छतरपुर 70 किमी, सतना 90 किमी, कटनी 101 किमी की दूरी पर है।

पन्ना राष्ट्रीय उद्यान  का निकटतम एयरपोर्ट खजुराहो में है, जो पार्क से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

खजुराहो से दिल्ली, मुंबई और वाराणसी के लिए दैनिक हवाई उड़ानें उपलब्ध हैं।

पार्क में बाघ, तेंदुए,भालू, चीतल, सांभर, नीलगाय, बारासिंघा और चिंकारा सहित कई प्रकार के वन्यजीवों है। 

केन नदी पार्क के माध्यम से बहती है। 

मगरमच्छ और घड़ियाल जैसे विभिन्न जलीय वन्यजीवों के लिए आवास प्रदान करता है। 

पार्क में विभिन्न प्रकार के पक्षियों है, जिनमें मोर, तीतर, बटेर, तोता और चील शामिल हैं। 

भारत के 106 राष्ट्रीय उद्यानों में से एक पन्ना राष्ट्रीय उद्यान अपनी समृद्ध वनस्पतियों के लिए भी जाना जाता है। 

जब पूरे भारत में गिद्धों की संख्या लगातार गिर रही थी  

वही पन्ना के घने जंगलों में उन्हें प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध कराएं और आज पन्ना में के जंगलों में गिद्ध बहुत ज्यादा मात्रा में पाए जाते हैं  

यहां विशाल विशाल आकार के विलुप्तप्राय गिद्ध और अन्य वन्यजीवों के भी देख सकते हैं। 

पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में आपको बाघ देखने को मिल जाएंगे। 

दो हज़ार साल से भी पुराने शैल चित्रों से पूरा पार्क समृद्ध है। 

इस पार्क में आपको तेंदुआ, भालू, हिरण, बंदर, चीता और मगरमच्छ और कई प्रकार की विलुप्तप्राय चिड़ियों की प्रजाति को भी आप देख सकते हैं। 

यहां आने के लिए नेशनल पार्क से एंट्री टिकट लेना होगा, इसके लिए आपको फीस भी पे करनी पड़ेगी। 

पहला रास्ता मैधा गेट के नाम से जाना जाता है। दूसरा गेट को हिनौता गेट कहते हैं 

आपके पास दो रास्ते हैं पहला रास्ता जिससे आपको इस पार्क में एंट्री करनी है।

आप यहां से अगर अंदर आएंगे तो आपको बहुत ही अच्छा लगेगा। 

आप जब यहां आते हैं तो आपको एक गाइड को भी बन विभाग से किराये पर लेना पड़ता है। 

साथ ही आपको बन विभाग से जीप भी लेनी पड़ती है। 

इस पार्क में प्राइवेट व्हीकल अलाउड नहीं है।

पार्क को घूमने के लिए आपको एक दिन तो काफी नहीं हो सकता।

इसलिए आप कम से कम 3 दिन का समय निकाल कर आयें।

यहां रुकने के लिए बहुत अच्छी व्यवस्थाएं भी मौजूद है, आप यहां रेस्ट हाउस में विश्राम भी कर सकते हैं।